Ukraine-Russia War: जापोरिज्जिया अटॉमिक एनर्जी प्लांट बचेगा या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है. दोनों पक्षों ने कहा है कि हमलों के कारण परमाणु आपदा का खतरा है. दोनों ने संयंत्र के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया और कहा कि किसी भी पक्ष की बात को तुरंत सत्यापित करना संभव नहीं है.
Trending Photos
Russia-Ukraine War: इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने सोमवार को कहा कि वह और उनके एक्सपर्ट्स यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र के लिए निकल चुके हैं. ग्रोसी लंबे समय से जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट में उनके एक्सपर्ट्स के जाने के लिए अनुमति मांग रहे थे. यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के तुरंत बाद रूसी सैन्यबलों ने जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट पर कब्जा कर लिया था. ग्रोसी ने ट्वीट किया, 'आखिर वह दिन आ गया. सहयोग एवं सहायता मिशन रवाना हो चुका है.'
'करनी होगी सबसे बड़े प्लांट की रक्षा'
ग्रोसी ने 13 अन्य एक्सपर्ट्स के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'हमें यूक्रेन और यूरोप के सबसे बड़े अटॉमिक प्लांट की रक्षा करनी होगी. इस मिशन की अगुवाई करके गर्व महसूस कर रहा हूं, जो इस हफ्ते के अंत तक जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट पहुंच जाएगा.' आईएईए ने ट्वीट किया कि एक्सपर्ट यह देखेंगे कि प्लांट को फिजिकली कितना नुकसान हुआ है. इसके अलावा वह सुरक्षा प्रणालियों की कार्यक्षमता का पता लगाएंगे और कर्मचारियों की स्थिति सहित अन्य चीजों का मूल्यांकन करेंगे. रूस और यूक्रेन ने इस अटॉमिक एनर्जी प्लांट में या उसके आस-पास हाल ही में रॉकेट व तोपों से हमलों का दावा किया है. इन हमलों से रेडिएशन का रिसाव बढ़ने की आशंका तेज हो गई है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के जल्द वहां पहुंचने की खबर बेहद अहम है.
प्लांट बचेगा या नहीं, इस पर संशय
दूसरी ओर, समाचार एजेंसी डीपीए ने बताया कि जापोरिज्जिया अटॉमिक एनर्जी प्लांट बचेगा या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है. दोनों पक्षों ने कहा है कि हमलों के कारण परमाणु आपदा का खतरा है. दोनों ने संयंत्र के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया और कहा कि किसी भी पक्ष की बात को तुरंत सत्यापित करना संभव नहीं है. प्लांट पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे रूसी बलों ने रविवार को कहा था कि उन्हें सबसे पहले यूक्रेनी सेना के भेजे सशस्त्र ड्रोन को मार गिराना है.
रूस कराएगा जनमत संग्रह!
इसके अलावा, रूस जनमत संग्रह कराकर यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों पर कब्जा करने के लिए आधार तैयार कर रहा है. डीपीए के अनुसार, क्रेमलिन के अधिकारी सर्गेई किरियेंको ने रविवार को एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि रूस में शामिल होने के लिए डोनेट्स्क और लुहान्स्क के पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्रों में समर्थन, जिसे सामूहिक रूप से डोनबास के रूप में जाना जाता है, 91 प्रतिशत से 92 प्रतिशत के बीच है.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर