Mohammed bin Salman Al Saud : सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने रमजान से पहले मस्जिदों में इफ्तार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 11 मार्च को शुरू होगा और इस साल 9 अप्रैल तक खत्म होगा.
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Saudi Arabia: रमजान के पवित्र महीने का आगाज इस साल 10 मार्च से शुरू हो रहा है. इस्लाम का केंद्र माने जाने वाले सऊदी अरब में भी इस खास महीने की तैयारी शुरू हो गई है. हर साल रमजान से पहले सऊदी अरब की तरफ से कुछ नई गाइडलाइन जारी की जाती है. इस साल भी नए नियम सामने आए हैं. जारी नियम के मुताबिक बताया जा रहा है, कि अब लोग मस्जिदों में इफ्तार पार्टी नहीं कर सकेंगे. दरअसल, सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने साफ-सफाई को लेकर चिंता जताई और मस्जिदों के अंदर इफ्तार दावत के आयोजन पर रोक लगाई है.
दरअसल, सऊदी की मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर ने जारी किए गए निर्देश में कहा गया है, कि इफ्तार से मस्जिदों में काफी गंदगी फैल जाती है. यही वजह है कि मस्जिदों को साफ रखने के लिए इसे बाहर रखा जाए. नए नियम के मुताबिक इफ्तार का आयोजन किसी दूसरी जगह या मस्जिद के आंगन में किया जा सकता है.
कैमरे के इस्तेमाल पर लगाई रोक
यही नहीं मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर ने कई और पाबंदिया भी लगाई हैं. जैसे मस्जिदों के अंदर कैमरे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. अब इमामों के भाषण को लाइव नहीं किया जाएगा. यहां तक की इफ्तार के लिए इमाम अब लोगों से चंदा भी नहीं लेंगे.
बताया जा रहा है, कि रमजान के पवित्र महीने में रोजा खोलने के लिए ज्यादातर मस्जिदें शाम के वक्त कुछ खाने-पीने का इंतजाम करती हैं. ये नेक कार्य गरीब और असहाय लोगों के लिए किया जाता है. जिनके पास रोजा खोलने के लिए कुछ नहीं होता है.
पैगंबर मोहम्मद साहब के रास्ते पर चलते है
रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर मोहम्मद साहब के बताए गए नेक रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं. इस दौरान वह बुरे कार्यों से दूर रहते हैं और अपनी सगे संबंधियों की दिल खोलकर मदद करते हैं. रोजे के दौरान रोजेदार शख्स सुबह से सूर्यास्त तक खाने-पीने से पूरी तरह परहेज करता है. रमजान पूरा होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग ईद-अल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं.