Saudi Arab-Syria Friendship: इस्लामिक दुनिया की बदल रही सियासत, अब इस कट्टर दुश्मन से हाथ मिलाएगा सऊदी अरब
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Saudi Arab-Syria Friendship: इस्लामिक दुनिया की बदल रही सियासत, अब इस कट्टर दुश्मन से हाथ मिलाएगा सऊदी अरब

Saudi Arab-Syria Ties: सीरिया में साल 2011 में गृह युद्ध छिड़ गया था. इसके बाद इस्लामिक देशों ने उसे अकेला छोड़ दिया. लेकिन अब फिर से सीरिया मिडिल ईस्ट की जमान में शामिल होता नजर आ रहा है.  जानकारी के मुताबिक, ईद के बाद यानी अप्रैल के दूसरे हफ्ते में दोनों देश दूतावास खोल सकते हैं. बता दें कि कतर, अमेरिका और सऊदी भी सीरिया के विभिन्न विरोधी गुटों को सपोर्ट करते रहे हैं.

Saudi Arab-Syria Friendship: इस्लामिक दुनिया की बदल रही सियासत, अब इस कट्टर दुश्मन से हाथ मिलाएगा सऊदी अरब

Islamic Countries: रमजान का महीना चल रहा है और इस्लामिक दुनिया की सियासत एक नया मोड़ लेती दिख रही है. ईरान के बाद अब सऊदी अरब सीरिया के साथ कूटनीतिक संबंध बहाल करने की वार्ता कर रहा है. सऊदी अरब की मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी है. एक दशक से ज्यादा समय पहले सऊदी अरब ने सीरिया से पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के कार्यकाल में संबंध खत्म कर लिए थे. दोनों के दूतावास भी बंद हो गए थे.

अब दोनों देशों ने पुरानी बातें भूलकर आगे बढ़ने का फैसला लिया है. साथ ही दोनों देश दूतावास भी खोलेंगे. कहा जा रहा है कि सऊदी अरब के ईरान से मतभेद भुलाए जाने के बाद ऐसा हुआ है. ईरान सीरिया की मदद करता था. इसी वजह से सऊदी अरब ने उससे दूरी बना ली थी. अब चूंकि ईरान ने सऊदी अरब के साथ अपने संबंध ठीक कर लिए हैं, इसलिए सीरिया ने भी रिश्तों को नया आयाम देने का फैसला किया है.

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से सरकारी चैनल अल-एखबरिया ने कहा, 'सीरिया और सऊदी अरब के अधिकारियों के बीच कूटनीतिक संबंध बहाल करने को लेकर  वार्ता जारी है.' सुन्नी और शिया जमात की अगुआई करने वाले इन दोनों देशों की नजदीकियां न सिर्फ इस्लामिक देशों बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है.  

गौरतलब है कि सीरिया में साल 2011 में गृह युद्ध छिड़ गया था. इसके बाद इस्लामिक देशों ने उसे अकेला छोड़ दिया. लेकिन अब फिर से सीरिया मिडिल ईस्ट की जमान में शामिल होता नजर आ रहा है.  जानकारी के मुताबिक, ईद के बाद यानी अप्रैल के दूसरे हफ्ते में दोनों देश दूतावास खोल सकते हैं. बता दें कि कतर, अमेरिका और सऊदी भी सीरिया के विभिन्न विरोधी गुटों को सपोर्ट करते रहे हैं. अब सऊदी अरब ने पाला बदल लिया है, जिसके बाद हालात में बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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