2 करोड़ खर्च कर ये शख्स बना 'सिंगल फादर', अधूरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए उठाया कदम
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2 करोड़ खर्च कर ये शख्स बना 'सिंगल फादर', अधूरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए उठाया कदम

लंदन में 54 साल के एक लॉ लेक्चरर ने सिंगल पिता बनने के लिए कई प्रयास किए. आखिरकार शख्स का सपना पूरा हुआ और आज वह 2 साल के बेटे के साथ खुशी-खुशी जिंदगी बिता रहे हैं. 

 

फाइल फोटो

लंदनः पिता बनने की ख्वाहिश हर किसी की होती है, लेकिन शादी न होने की स्थिति में कई पुरुष इस सुख से महरूम रह जाते हैं. हालांकि, अब विज्ञान काफी तरक्की कर चुका है. ऐसे में सिंगल माता-पिता होने के सपने को पूरा किया जा सकता है. ऐसा ही एक मामला ब्रिटेन में देखने में सामने आया है. यहां एक शख्स ने पिता बनने के लिए लाखों रुपये खर्च कर डाले. हालांकि, इतने प्रयासों के बाद उन्हें पिता बनने का सौभाग्य मिला.   

  1. लंदन में सिंगल पिता बना 54 साल का शख्स
  2. लिया सरोगेसी का सहारा
  3. कई प्रयासों के बाद मिली सफलता

लॉ लेक्चरर हैं साइमन

54 साल के साइमन कानून के लेक्चरर हैं. वह यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में पढ़ाते हैं. समलैंगिक (Gay) एकल पुरुष होने के बावजूद साइमन ने पेरेंट्स होने के सपने को पूरा किया. उनके बेटे का नाम विलियम है. साइमन के पिता बनने का सपना इतना आसान भी नहीं था. विलिमय के जन्म के लिए अमेरिका में रहने वाली एक महिला के 'एग' का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद साइमन के शुक्राणुओं में निषेचित (Fertilized)करने के बाद दूसरी महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित (Implanted) किया गया था. यह पूरी प्रक्रिया अमेरिका में हुई.

करनी पड़ी भारी रकम खर्च

पूरी प्रक्रिया में साइमन को करीब 2,00,000 पाउंड (करीब 2 करोड़ रुपये) की भारी-भरकर रकम खर्च करनी पड़ी. साइमन बताते हैं कि '2 साल का विलियम कभी-कभी भ्रमित हो जाता है और मुझे 'मम्मी' कहने लगता है. इसकी वजह उसके नर्सरी स्कूल में अधिकांश बच्चे अपनी मां के साथ आते हैं.

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खुद को नहीं मानते मां

साइमन कहते हैं कि 'मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मुझे नहीं लगता कि वह वास्तव में समझता है कि एक मां शब्द के मायने क्या हैं. मैं उससे इस बारे में बात करता हूं कि वह दुनिया में कैसे आया. हालांकि, मुझे नहीं पता कि वह कितना समझता है, लेकिन साइमन खुद को विलियम की मां नहीं मानते.'

कुछ लोग करते हैं आलोचना

साइमन कहते हैं कि 'बेशक, कुछ ऐसे लोग होंगे, जो मानते हैं कि मैंने पैसे का इस्तेमाल कर पिता बनने का सपना पूरा किया, जो सही नहीं है, लेकिन मैं ऐसे लोगों के बारे में नहीं सोचता, जो बच्चे को बिना मां के पालने को गैर-जिम्मेदाराना मानते हैं. साइमन कहते हैं कि ऐसे लोगों की सोच बहुत ही गंदी है. इस तरह की सोच 1950 के दशक होती थी. एकल-माता-पिता परिवार दशकों से अस्तित्व में हैं और इसके परिणामस्वरूप ज्यादातर बच्चों की परवरिश अच्छे से हुई है.'

पुरुष भी महिलाओं की तरह संभाल सकते हैं घर

उनका कहना है कि 'जिस तरह से ऑफिस में महिलाएं पुरुषों की तरह काम कर सकती हैं. उसी तरह पुरुष भी घर को संभाल सकते हैं. साइमन को 17 साल की उम्र में ही बच्चा पैदा करने का विचार आ गया था. जब एक पारिवारिक पार्टी में अपने एक चचेरे भाई की देखभाल करते हुए देखकर एक आंटी ने टिप्पणी की थी कि एक दिन महान पिता बनोगे.'

जब लगा कि नहीं बन सकते हैं पिता

वह बताते हैं कि '25 साल की उम्र तक खुद के समलैंगिक होने के बारे में इनकार कर रहा था. साइमन को यह समझने में 8 साल लग गए कि वह कभी पिता नहीं बन सकते हैं. 1990 के दशक में जब उन्होंने बैरी ड्रेविट और टोनी बार्लो के बारे में पढ़ा, जो एसेक्स में स्थित एक समलैंगिक जोड़े थे और दोनों के सरोगेट की मदद से जुड़वां बच्चे थे.' हालांकि, कई पुरुषों के साथ संबंधों में रहने के बावजूद, साइमन के किसी भी साथी को पिता बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी.

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50 की उम्र में सरोगेसी के बारे में सोचा

साइमन जब 50 साल के हुए, तो उन्होंने सोचा कि 'अभी नहीं तो कभी नहीं' और उन्होंने सरोगेसी को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. साइमन के परिवार और करीबी दोस्तों को उसकी लंबे समय से पिता बनने की इच्छा के बारे में पता था, लेकिन उसकी उम्र और अकेलेपन को देखते हुए जोर नहीं दिया. उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से, एकल पुरुषों के बीच सरोगेसी अभी भी अपेक्षाकृत दुर्लभ है.' पिछले साल, यूके में सरोगेसी के जरिए पिता बनने के लिए महज 3 पुरुषों के ही आवेदन प्राप्त हुए थे.

2017 में एजेंसी से किया संपर्क

2017 में, साइमन ने पहली बार यूके स्थित एजेंसी ब्रिलियंट बिगिनिंग्स से संपर्क किया, जो ब्रिटेन और विदेश दोनों में संभावित सरोगेट वाले माता-पिता से संपर्क कराता है. इसके बाद लिंग के लिए भ्रूणों की जांच की गई. साइमन को यह चुनने का विकल्प दिया गया कि वह लड़का चाहते हैं या लड़की. ऐसे में साइमन का कहना है कि 'मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि एक छोटी लड़की कैसी होती है, इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं इसे अपने दम पर करने जा रहा हूं, तो मुझे एक लड़का होना चाहिए. इससे कम से कम अंदाजा हो जाएगा कि उसके लिए जीवन कैसा होगा.' 

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