इस देश को घोषित करनी पड़ी तीन महीने की स्‍टेट इमरजेंसी, कोरोना नहीं बल्कि ये है वजह
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इस देश को घोषित करनी पड़ी तीन महीने की स्‍टेट इमरजेंसी, कोरोना नहीं बल्कि ये है वजह

सूडान इस समय बहुत मुश्किल हालात से जूझ रहा है. यहां कई दिनों की रिकॉर्ड तोड़ मूसलाधार बारिश और फिर उससे आई बाढ़ के कारण सूडान (Sudan) को तीन महीने की स्‍टेट इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी है.

सूडान में बाढ़ (रॉयटर्स)

खार्तूम (सूडान): सूडान इस समय बहुत मुश्किल हालात से जूझ रहा है. यहां कई दिनों की रिकॉर्ड तोड़ मूसलाधार बारिश और फिर उससे आई बाढ़ के कारण सूडान (Sudan) को तीन महीने की स्‍टेट इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी है. ताकि देश प्रभावित परिवारों की मदद कर सके और आने वाले अन्‍य खतरों से अपने नागरिकों को बचा सके. 

  1. सूडान में बाढ़ का कहर 
  2. पिछले एक दशक की सबसे खराब प्राकृतिक आपदा कहा गया 
  3. देश में लगानी पड़ी स्‍टेट इमरजेंसी 

सूडान में आई बाढ़ ने अब तक लगभग सौ लोगों की जान ले ली है और 46 लोगों को घायल कर दिया है. बाढ़ से सूडान के पश्चिम और दक्षिण क्षेत्रों में उत्तरी दारफुर और सेन्नर राज्यों में 1 लाख से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है.

आंतरिक मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर कहा, 'तीन महीने के आपातकाल की स्थिति (State of Emergency) की घोषणा की गई है.'

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इसे पिछले दशक की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जा रहा है. हालांकि देश में आमतौर पर जून से अक्‍टूबर के बीच भारी बारिश होती है, जिससे हर साल यहां बाढ़ आती है लेकिन इस साल हालात बहुत खराब हैं. 

सिंचाई और जल मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था, 'ब्लू नाइल नदी का स्‍तर पिछली एक सदी में अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.'

यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर द कोऑर्डिनेशन ऑफ हयूमेनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) के प्रवक्‍ता ने बताया है कि पिछले साल आई बाढ़ से सूडान में लगभग 4 लाख प्रभावित हुए थे. लेकिन इस साल यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अब तक ही करीब 3.8 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. बाढ़ क्षेत्रों में अभी खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है, जिससे बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ सकती है. 

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