Ukraine-Russia Conflict: कीव के आसमान में धुंध छाई हुई है. इस स्थिति को लेकर मिलिट्री ऑब्जर्वर्स ने कहा कि इस दौरान मिसाइल या फिर नीचे उड़ने वाले ड्रोन से निशाना लगाना मुश्किल होता है. नागरिक भी सोमवार को हमले के खतरे से बेफिक्र नजर आए.
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World News: यूक्रेन ने सोमवार को कहा कि उसे पश्चिमी सहयोगियों से और एयर डिफेंस सिस्टम्स मिले हैं. ये हथियार हवा में ही दुश्मन के रॉकेट्स-मिसाइलों को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं. राजधानी कीव में एक अधिकारी ने कहा रूस के ऊर्जा संस्थानों पर हमले के बाद सप्लाई की स्थिति बहुत नाजुक है. पिछले महीने रूस ने ईरान में बने ड्रोन से यूक्रेन के 40 प्रतिशत पावर स्टेशन्स तबाह कर दिए थे और सरकार ने यूक्रेनी जनता से ज्यादा से ज्यादा बिजली बचाने का आग्रह किया था. रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने सोमवार को ऐलान किया कि यूक्रेन को नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (NASAMS) और इतालवी एस्पाइड एयर डिफेंस हासिल हुआ है. इसके अलावा जर्मनी से भी हथियार मिले हैं.
यूक्रेन पहुंचे रक्षक
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, NASAMS और इतालवी एस्पाइड एयर डिफेंस सिस्टम्स यूक्रेन पहुंच गए हैं. ये हथियार यूक्रेनी सेना को और मजबूत करेंगे और आसमान को सुरक्षित करेंगे. हम दुश्मनों को निशाना बनाते रहेंगे. हमारे पार्टनर्स- नॉर्वे, स्पेन और अमेरिका का शुक्रिया. करीब हर महीने के हर सप्ताह के पहले दिन रूसी हमलों से राजधानी कीव दहल उठती थी, लेकिन सोमवार को हवाई हमले के सायरन सामान्य रूप से शांत थे और लोग भी बाहर घूम रहे थे.
Look who’s here!
NASAMS and Aspide air defence systems arrived in Ukraine!
These weapons will significantly strengthen #UAarmy and will make our skies safer.
We will continue to shoot down the enemy targets attacking us.
Thank you to our partners: Norway, Spain and the US. pic.twitter.com/ozP4eXhgOg— Oleksii Reznikov (@oleksiireznikov) November 7, 2022
कीव के आसमान में छाई धुंध
कीव के आसमान में धुंध छाई हुई है. इस स्थिति को लेकर मिलिट्री ऑब्जर्वर्स ने कहा कि इस दौरान मिसाइल या फिर नीचे उड़ने वाले ड्रोन से निशाना लगाना मुश्किल होता है. नागरिक भी सोमवार को हमले के खतरे से बेफिक्र नजर आए. न्यूज एजेंसी एपी से बातचीत में एक 21 वर्षीय नागरिक एलोना प्लेखी ने कहा, 'सच कहूं तो ये सिर्फ सोमवार की बात नहीं है, आठ महीने हो चुके हैं और हम जानते हैं कि ये हर दिन हो रहा है और हम इसके आदी हो चुके हैं. मैं इसके लिए अपना रुटीन नहीं बदलूंगी, मैं काम पर जा रही हूं. ये किसी आम दिन की तरह है.'
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