चीन के अत्याचार के खिलाफ दुनिया ने अब चीन को उसके अतिक्रमण का जवाब देने का मन बना लिया है.
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वॉशिंगटन/नई दिल्ली: दुनिया ने अब चीन (China) के अत्याचार और अतिक्रमण का जवाब देने का मन बना लिया है. भारत (India) के बाद अब अमेरिका ने चीन को बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने चीन के हांगकांग को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने की घोषणा के बाद अब अमेरिकी मूल अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अमेरिका हांगकांग को रक्षा उपकरण और इस्तेमाल में आने वाली सभी तकनीकी के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है. उन्होंने लिखा कि यदि पेइचिंग हांगकांग को एक देश एक समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से ये समझना होगा.
Today, the United States is ending exports of @StateDeptPM controlled U.S. origin defense equipment and sensitive @CommerceGov controlled dual-use technologies to Hong Kong. If Beijing now treats Hong Kong as “One Country, One System,” so must we.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 29, 2020
इससे पहले, हांगकांग के मसले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले लोगों के वीजा पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि चीन ने अमेरिका के कर्मचारियों पर वीजा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. वहीं आज अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा कि चीन के कम्युनिस्ट पार्टी का यूएस वीजा पर प्रतिबंध लगाने की धमकी देना इस बात का ताजा उदाहरण है कि बीजिंग हांगकांग के लोगों से किया वादा तोड़ने के आरोप को नकार रहा है. हम जवाब देने के लिए कदम उठाने से रुकेंगे नहीं.
The Chinese Communist Party's threats to restrict visas for U.S. citizens is the latest example of Beijing’s refusal to accept responsibility for breaking its commitment to the people of Hong Kong. We will not be deterred from taking action to respond.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 30, 2020
अमेरिका ने शुक्रवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. अमेरिका ने उन पर हांगकांग में मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकारों के हनन का आरोप लगाया था. इसके बाद चीन ने भी हांगकांग संबंधित मुद्दों को लेकर चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फैसले का कड़ा विरोध जताया था. चीन ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए वह मजबूत कदम उठाता रहेगा.
चीन के अत्याचारों की उलटी गिनती शुरू
अमेरिका ने दुनिया को ये संदेश दे दिया था कि चीन के अत्याचारों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और अमेरिका चीन के विस्तारवादी सोच पर अंकुश लगाने को पूरी तरह से तैयार है. अमेरिका चीन को आर्थिक रूप से अपाहिज करने को तैयार है. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने चीन को 60 दिन का नोटिस दिया है जिसका साफ मतलब है कि अब चीन की कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने 20 चीनी कंपनियों की पहचान कर उसकी लिस्ट तैयार की है, जिनका कंट्रोल बीजिंग में सैन्य शासन के पास है. चीन की कंपनियों पर अमेरिका से तकनीक लाने का आरोप है. इन कंपनियों पर अमेरिका की नजर है और हो सकता है कि सूची में दर्ज कंपनियों पर अमेरिका में प्रतिबंध भी लगाया जाए.
यानी चीन के लिए अमेरिका का आर्थिक और समरिक चक्रव्यूह तैयार हो चुका है और ये चीन के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला है क्योंकि चीन अपने कारोबार के दम पर ही दुनिया को अपनी धौंस दिखाता आया है और कहते हैं ना पैसा खत्म, तमाशा खत्म. सो अब चीन का खेल खत्म होने वाला है.