अमेरिका ने जताई उम्मीद, म्यांमार में रॉयटर्स के दो पत्रकार जल्द हो सकते हैं बरी
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अमेरिका ने जताई उम्मीद, म्यांमार में रॉयटर्स के दो पत्रकार जल्द हो सकते हैं बरी

दोनों पत्रकारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें म्यांमार के औपनिवेशिक कालीन सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ना ठहराया जाए. 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि ‘‘किसी भी लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस महत्वपूर्ण है.’

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली का कहना है कि ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि म्यांमार सरकार द्वारा अवैध रूप से आधिकारिक दस्तावेज रखने के आरोपी बनाये गए रॉयटर्स के दो पत्रकारों को सभी आरोपों से बरी कर दिया जाएगा. म्यांमार के एक न्यायाधीश ने सोमवार को कयोव सोई ओ और वा लोन के मामले पर फैसला स्थगित करते हुए कहा था कि अब फैसला तीन सितंबर को सुनाया जाएगा.

पत्रकारों ने न्यायालय में लगाई गुहार
दोनों पत्रकारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें म्यांमार के औपनिवेशिक कालीन सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ना ठहराया जाए. पत्रकारों ने दलील दी है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार की क्रूर कार्रवाई के संबंध में खोजी पत्रकारिता करने और उसकी खबरें लिखने के लिए पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है.

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लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस महत्वपूर्ण-निकी
निक्की ने कल सुरक्षा परिषद में कहा कि ‘‘किसी भी लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस महत्वपूर्ण है.’ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने बिना किसी का नाम लिये जोर देकर कहा कि ‘‘हमें पत्रकारों की रिहाई के लिए भी दबाव जारी रखना चाहिए जो इस मानवीय त्रासदी पर रिपोर्ट कर रहे हैं.’’ 

क्या है पत्रकारों पर आरोप
यंगून में पुलिस के साथ खाने पर आमंत्रित किए जाने के बाद और रेस्टोरेंट से निकलने के बाद गिरफ्तार किये गये ला लोन (32) और कयाव सोई ओ (28) दिसंबर से म्यांमार की जइनसेनी जेल में बंद हैं. उन पर रखाइन राज्य के बारे में वर्गीकृत दस्तावेज रखने के मामले में औपनिवेशिक युग के गोपनीयता कानून के उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.

(इनपुट भाषा से भी...)

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