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नई दिल्ली: अमेरिका ने मंगलवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) में आखिरी अमेरिकी वायु सेना विमान सी-17 ग्लोबमास्टर की उड़ान के साथ ही अपने सबसे लंबे युद्ध को समाप्त कर दिया. साल 2001 में अमेरिका में अल कायदा द्वारा किए गए 9/11 के आतंकी हमलों की बरसी से ठीक 11 दिन पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की अंतिम वापसी हुई. इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने अमेरिका के नागरिकों को संबोधित किया.
जो बाइडन (Joe Biden) ने कहा, अफगानिस्तान की सरकार भ्रष्ट थी. गनी के भागने से काबुल में अराजकता फैला. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश को तालिबान को सैंपा. उन्होंने कहा, अमेरिकियों के रेस्क्यू के लिए 6 हजार सैनिक भेजे. 90 प्रतिशत अमेरिकियों का रेस्क्यू हो चुका है. साथ ही बाइडन ने कहा कि तालिबान अब अफगानिस्तान में मजबूत है. 2001 से तालिबान मजबूत हो रहा है. आधे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा था. काबुल छोड़ने के अलावा विकल्प नहीं था.
बाइडन ने कहा, काबुल छोड़ने की जिम्मेदारी पूरी तरह मेरी है. अमेरिकियों के हित में काबुल छोड़ने का फैसला लिया. उन्होंने काबुल छोड़ने का फैसला अमेरिकियों के हित में बताया. बाइडेन ने अपने देशवासियों से दावा किया कि किसी देश ने इतना बड़ा रेस्क्यू नहीं किया.
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि नई सदी में नई चुनौतियों से निपटना है. इनमें चीन की चुनौतियों से भी निपटना है. साइबर हमला चुनौतीपूर्ण है. बाइडन ने कहा, फंड का इस्तेमाल अमेरिकियों के हित में किया जाएगा.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने कहा, 'मैं अपने कमांडरों और उनके अधीन सेवा कर रहे पुरुषों और महिलाओं को अफगानिस्तान से खतरनाक वापसी की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. जैसा कि वापसी के लिए 31 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी, अमेरिकी जीवन का कोई और नुकसान नहीं हुआ है.' सैन्य कमांडर जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा, 'यह एक ऐसा मिशन था जिसने ओसामा बिन लादेन के साथ तमाम साजिशकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया. यह एक बड़ा मिशन था. इसमें 2,461 अमेरिकी सेवा सदस्य और नागरिक मारे गए और 44000 से अधिक घायल हुए.'
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