आतंकवाद पीड़ितों के मित्र संगठन की शुरुआत पिछले साल संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंटोनियो गुतारेस (GS Antanio) ने की थी. भारत सहित 24 देश इसमें शामिल हैं.
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नई दिल्ली : भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान (Pakistan) के ढुलमुल रवैये के कारण, मुंबई और पठानकोट आतंकी हमलों (Pathankot, Mumbai Terror Attack) के पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया है.
आतंकवाद से पीड़ित लोगों के मित्र संगठन से दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक (Ministerial Meet) के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि वर्ष 2008 में मुंबई और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकी हमलों के पीड़ित अभी न्याय की राह देख रहे हैं.
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप
दोनों हमलों के दोषियों को पाकिस्तान के आतंकी समूहों से बढ़ावा मिला और इस संबंध में दिए गए सबूतों पर पाकिस्तान ने कार्रवाई करने में कोई रुचि नहीं दिखाई.
मित्र संगठन के सदस्य 24 देश
आतंकवाद पीड़ितों के मित्र संगठन की शुरुआत पिछले साल संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंटोनियो गुतारेस (GS Antanio) ने की थी. भारत सहित 24 देश इसमें शामिल हैं.
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शांति-सुरक्षा के लिए आतंकवाद खतरा
भारतीय राजनयिक ने कहा, अपने मंसूबों में सफलता न मिलती देख आतंकी खूनी खेल खेलते हैं और कोरोना महामारी के इस दौर में भी आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. भारत 1996 से लगातार अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (Comprehensive Convention on International Terrorism) के तहत यूएन से आतंकवाद की परिभाषा तय करने की मांग कर रहा है. वैश्विक बिरादरी में अभी तक सहमति न बन पाने की वजह से अभी तक भारत की ये मांग पूरी नहीं हो पाई है.
भारत सरकार ने कई बार दिया डोजियर
भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को मुंबई और पठानकोट आतंकी हमले को लेकर कई बार डोजियर दिया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद वो कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
गौरतलब है कि 2014 के बाद से पीएम मोदी कई देशों की यात्रा और वैश्विक शिखर सम्मेलनों के दौरान कह चुके हैं कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है, अच्छा या बुरा आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं होती. भारत सरकार,आतंकवाद की एक निश्चित वैश्विक परिभाषा तय करने को लेकर कोशिश कर रही है.
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