Worlds Heaviest Building: दुनिया की सबसे भारी इमारत, हर साल धंस रही जमीन में, बनाने में लग गए थे सालों
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Worlds Heaviest Building: दुनिया की सबसे भारी इमारत, हर साल धंस रही जमीन में, बनाने में लग गए थे सालों

World Heaviest Building: देशों ने हमेशा अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए भव्य निर्माण परियोजनाओं का उपयोग किया है. पूरे इतिहास में और आज भी किसी भव्य परियोजना को शुरू करना और पूरा करना किसी देश द्वारा किए जा सकने वाले सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शनों में से एक है.

Worlds Heaviest Building: दुनिया की सबसे भारी इमारत, हर साल धंस रही जमीन में, बनाने में लग गए थे सालों

World Heaviest Building: देशों ने हमेशा अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए भव्य निर्माण परियोजनाओं का उपयोग किया है. पूरे इतिहास में और आज भी किसी भव्य परियोजना को शुरू करना और पूरा करना किसी देश द्वारा किए जा सकने वाले सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शनों में से एक है. ऐसे प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक पूरा होना दुनिया के सामने दो बातें साबित करता है. पहला, कि देश समृद्ध है और इस तरह की परियोजना का खर्च उठा सकता है और दूसरा कि उसके पास ऐसे कार्य को पूरा करने के लिए उचित संसाधन और तकनीक है.

इस क्रम में रोमानिया ने ऐस इमारत खड़ी कर दी जिसे दुनिया की सबसे वजनी इमारतों में गिना जाने लगा. रोमानिया के दिग्गज नेता निकोले सेउसेस्कू 1971 में पूर्व की अपनी यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया गए हुए थे. वहां के तत्कालीन नेता किम इल-सुंग से उनकी मुलाकात हुई. इस यात्रा के दौरान सेउसेस्कू देश की वास्तुकला से प्रभावित हो गए और उन्होंने फैसला किया कि वह घर वापस आकर इस शैली की नकल करेंगे.

रोमानिया में 1977 में भयानक भूकंप आया जिसके कारण राजधानी की बहुत सारी इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं. सेउसेस्कू ने इन इमारतों को उत्तर कोरिया में देखी गई नई निर्माण शैली में पुनर्निर्माण करने का निर्णय लिया. सेउसेस्कू ने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी रोमानियाई वास्तुकार एंका पेट्रेस्कु को सौंपी. उन्होंने 700 जूनियर आर्किटेक्ट्स की मदद से 'महल' की डिजाइन तैयार की.

निर्माण प्रक्रिया के दौरान, केवल रोमानिया में निर्मित सामग्रियों और वस्तुओं का उपयोग किया गया था.

2,000,000 टन रेत

700,000 टन स्टील

500,000 टन सीमेंट

3,500 टन क्रिस्टल

इमारत को 1986 तक अंतिम रूप दिया जाना था, लेकिन यह आज भी तकनीकी रूप से अधूरी है, क्योंकि इसके 1,100 कमरों में से केवल 400 ही उपयोग योग्य हैं. सेउसेस्कु की मृत्यु के बाद, महल नई रोमानियाई सरकार का घर बन गया, जो रोमानिया के राजनयिक और राजनीतिक घर के रूप में सेवा कर रहा है. वर्षों के दौरान, इंजीनियरों ने इमारतों का निरीक्षण किया और यह पाया कि अपने वजन के कारण, हर साल महल 6 मिमी नीचे की जमीन में धंस रहा है.

कुल मिलाकर इमारत का वजन अनुमानित 4.1 मिलियन टन है, जो इसे दुनिया की सबसे भारी इमारत बनाता है. इसका आकार इसे दुनिया की सबसे बड़ी प्रशासनिक इमारत की प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रखता है, लेकिन यह दुनिया की सबसे महंगी प्रशासनिक इमारत के रूप में पहले स्थान का दावा भी करती है.

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