Abu Dhabi Temple: जहां लकीर खींच दोगे, वहीं जमीन दे दूंगा... BAPS मंदिर का PM मोदी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
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Abu Dhabi Temple: जहां लकीर खींच दोगे, वहीं जमीन दे दूंगा... BAPS मंदिर का PM मोदी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Abu Dhabi Temple: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत की दोस्ती के लिए आज 13 फरवरी 2024 तारीख युगों-युगों तक याद की जाएगी. यह तारीख इतिहास के पन्नों में सुनहरे शब्दों में दर्ज हो चुकी है. कारण बना है अबू धाबी में बना विशाल BAPS हिन्दू मंदिर.

Abu Dhabi Temple: जहां लकीर खींच दोगे, वहीं जमीन दे दूंगा... BAPS मंदिर का PM मोदी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Abu Dhabi Temple: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत की दोस्ती के लिए आज 13 फरवरी 2024 तारीख युगों-युगों तक याद की जाएगी. यह तारीख इतिहास के पन्नों में सुनहरे शब्दों में दर्ज हो चुकी है. कारण बना है अबू धाबी में बना विशाल BAPS हिन्दू मंदिर. यह मुस्लिम देश में बना अब तक का सबसे बड़ा मंदिर है. मंदिर के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने अबू धाबी स्टेडियम में भारतीयों को संबोधित करते हुए मंदिर से जुड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाया.

पीएम मोदी ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

पीएम मोदी ने कहा कि जब 2015 में वे यूएई के दौरे पर थे तब उन्होंने मंदिर का प्रस्ताव रखा था. पीएम मोदी के प्रस्ताव पर अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद ने कहा था कि 'जहां लकीर खींच दोगे, वहीं मंदिर के लिए जमीन दे दूंगा'. पीएम मोदी ने कहा कि जब साल 2015 मैं उनके (क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद) सामने आप सब की ओर से यहां अबू धाबी में मंदिर का प्रस्ताव रखा तो एक पल भी गंवाए बिना उन्होंने तुरंत हां कर दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस जमीन पर लकीर खींच लेंगे... मैं दे दूंगा. अब अबू धाबी में इस भव्य-दिव्य मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है.

क्या हुआ था 2015 में?

याद दिला दें कि 2015 में पीएम मोदी खाड़ी देश की दो दिवसीय यात्रा पर थे. इस दौरान ही यूएई ने अबू धाबी में मंदिर के लिए जमीन आवंटित की. यह यात्रा काफी कूटनीतिक महत्व रखती है, क्योंकि मोदी इंदिरा गांधी के बाद 34 वर्षों में इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खाड़ी देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे. तब पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण के फैसले के लिए 125 करोड़ भारतीयों की ओर से यूएई नेतृत्व को धन्यवाद दिया और इसे एक "ऐतिहासिक" कदम बताया था.

मंदिर की विशेषताएं...

-700 करोड़ रुपये की लागत
-108 फीट की ऊंचाई
-262 फीट लंबाई
-13.5 एकड़ में बना मुख्य मंदिर
-वैदिक वास्तुकला से प्रेरित डिजाइन
-UAE के 7 अमीरातों को दर्शाते सात शिखर
-पिरामिड की आकृति वाले 12 शिखर
-तीन पवित्र नदियों - गंगा, जमुना, सरस्वती का संगम
-भारतीय कारीगरों द्वारा उकेरी गईं मूर्तियां और नक्काशी
-UAE का प्रतिनिधित्व करने वालीं घोड़ों और ऊंट जैसे जानवरों की नक्काशी
-किसी मुस्लिम देश में गंगा-जमुनी तहजीब का सबसे बड़ा प्रतीक 

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