'वरना हम सभी जल जाएंगे...', 24 घंटे में ही टूट गया सबसे गर्म दिन का रिकॉर्ड, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी
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'वरना हम सभी जल जाएंगे...', 24 घंटे में ही टूट गया सबसे गर्म दिन का रिकॉर्ड, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी

Hottest Day: 84 साल के बाद बना सर्वाधिक वैश्विक औसत तापमान का रिकॉर्ड 24 घंटे के भीतर ही टूट गया है. गर्मी के मासिक रिकॉर्ड की एक सीरीज पर गौर करने से यह पता चलता है कि जून तक, लगातार पिछले 12 महीने से हर महीने वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंच रहा है.

'वरना हम सभी जल जाएंगे...', 24 घंटे में ही टूट गया सबसे गर्म दिन का रिकॉर्ड, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी

Weather News: यूरोपीय संघ (ईयू) की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) के मुताबिक धरती पर 22 जुलाई पिछले 84 वर्ष में सबसे अधिक गर्म दिन दर्ज किया गया. और वैश्विक औसत तापमान 17.15 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. यह एक दिन पहले 21 जुलाई को दर्ज किए गए 17.09 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड से ज्यादा है.

 इस तरह, 84 साल के बाद बना सर्वाधिक वैश्विक औसत तापमान का रिकॉर्ड 24 घंटे के भीतर ही टूट गया है. गर्मी के मासिक रिकॉर्ड की एक सीरीज पर गौर करने से यह पता चलता है कि जून तक, लगातार पिछले 12 महीने से हर महीने वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंच रहा है.

पिछले साल जून के बाद से हर महीने सबसे अधिक गर्मी रिकॉर्ड की जा रही है. सी3एस के प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक, 1940 के बाद इस साल का 22 जुलाई सबसे अधिक गर्म दिन था. सी3एस के मुताबिक, वैश्विक तापमान करीब सवा लाख वर्षों में सबसे अधिक है.

जलवायु परिवर्तन का नतीजा

यह कोयला, तेल और गैस के दोहन और वनों की कटाई के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन का नतीजा है. इसमें कहा गया है, 'हालांकि वैज्ञानिक इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि सोमवार का दिन इस अवधि का सबसे गर्म दिन था, लेकिन मानव के कृषि की शुरुआत करने से बहुत पहले से औसत तापमान इतना अधिक नहीं रहा है.' 

जुलाई 2023 से पहले अगस्त 2016 में धरती का दैनिक औसत तापमान रिकॉर्ड 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हालांकि, तीन जुलाई 2023 के बाद से 57 दिन ऐसे रहे हैं जब तापमान पिछले रिकॉर्ड से अधिक रहा है.

सी3एस के निदेशक कार्लो बूनटेंपो ने कहा कि पिछले 13 महीनों के तापमान और उससे पिछले रिकॉर्ड के बीच चौंकाने वाला अंतर है. उन्होंने कहा, 'हम अब अनिश्चित स्थिति में हैं और जैसे-जैसे जलवायु गर्म होती जा रही है, आने वाले महीनों और वर्षों में हमें नए रिकॉर्ड देखने को मिलेंगे.' 

एक्सपर्ट ने दी ये चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता की 2010 से 2016 तक प्रमुख रहीं क्रिस्टियाना फिगुएर्स ने कहा, 'अभूतपूर्व शब्द अब उस भयावह तापमान का वर्णन नहीं कर सकता, जिसका हम सामना कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'जी20 देशों के सामने एक खतरनाक वास्तविकता है, जिसका समाधान उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाने और जीवाश्म ईंधनों को विवेकपूर्ण नजरिये के साथ चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की नीतियों के साथ करना होगा.

वैश्विक बिजली का एक तिहाई हिस्सा अकेले सोलर और विंड एनर्जी से मैन्युफैक्चर किया जा सकता है, लेकिन लक्षित राष्ट्रीय नीतियों को उस परिवर्तन को संभव बनाना होगा. अन्यथा हम सभी झुलस जाएंगे और जल जाएंगे.'

विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 और 2024 में पिछले साल की तुलना में वार्षिक अधिकतम दैनिक वैश्विक तापमान काफी अधिक रहा है. 2015 से 2024 तक 10 वर्ष उच्चतम दैनिक औसत तापमान वाले हैं.

जून के आखिर से अगस्त तक चरम पर तापमान

उत्तरी गोलार्ध की गर्मी के कारण वैश्विक औसत तापमान आमतौर पर जून के अंत और अगस्त की शुरुआत के बीच चरम पर होता है. सी3एस के वैज्ञानिकों ने दैनिक वैश्विक तापमान में अचानक इजाफे के लिए अंटार्कटिका के बड़े हिस्से में औसत से बहुत अधिक तापमान को जिम्मेदार ठहराया.

यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने कहा कि 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा या नहीं, यह काफी हद तक ‘ला नीना’ और इसकी तीव्रता पर निर्भर करता है. जलवायु विज्ञान गैर-लाभकारी संस्था बर्कले अर्थ ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया था कि 2024 में नया वार्षिक ताप रिकॉर्ड स्थापित होने की 92 प्रतिशत संभावना है.

वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की तेजी से बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी के सतह का तापमान पहले ही लगभग 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है. इस गर्मी को दुनिया भर में रिकॉर्ड सूखे, जंगल की आग और बाढ़ का कारण माना जाता है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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