Serial Killer: श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब ने जिस तरह की बर्बरता दिखाई उसे लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं. इस तरह की वारदात करने वाले साइकोपैथ्स कहलाते हैं. सिर्फ पुरुष ही इस तरह की बर्बरता नहीं करते, बल्कि कई महिलाएं भी साइकोपैथ्स हुई हैं. आज आपको बताएंगे ऐसे ही कुछ खूंखार महिला सीरियल किलर से.
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World's Worst Female Serial Killer: श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब ने जिस तरह की बर्बरता दिखाई उसे लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं. इस तरह की वारदात करने वाले साइकोपैथ्स कहलाते हैं. आफताब से अलग दुनियाभर में ऐसे कई साइकोपैथ्स रहे हैं, जिनकी करतूत ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया. हैरानी की बात ये है कि सिर्फ पुरुष ही इस तरह की बर्बरता नहीं करते, बल्कि कई महिलाएं भी साइकोपैथ्स हुई हैं. अगर आपने नीरो और उसके दौर में रोम के शाही खानदान के बारे में पढ़ा होगा तो लॉकस्टा के बारे में भी जानते होंगे. उस दौर में लॉकस्टा रोम के शाही खानदान का इलाज करती थी. वह इलाज के बहाने से लोगों को मारती थी.
लॉकस्टा थी पहली महिला सीरियल किलर
लॉकस्टा की गिनती दुनिया के पहले सीरियल किलर में होती है. क्योंकि लॉकस्टा को जड़ी-बूटियों की अच्छी जानकारी थी. ऐसे में वह जानती थी कि कौन से पौधे की एक बूंद भी इंसान को तुरंत मार सकती है. उसने सबसे पहले रोम के राजा क्लाउडिअस की हत्या की थी. दरअसल लॉकस्टा को सीरियल किलर नीरो ने ही बनाया था. पिता के बाद गद्दी पर बैठे नीरो ने अपने हर दुश्मन को मारने के लिए लॉकस्टा की मदद लेनी शुरू कर दी थी. .
इस तरह बढ़ती गई सनक
शुरुआत में नीरो ने उसके जरिये अपने कई दुश्मनों को मरवाया, लेकिन धीरे-धीरे लॉक्सटा को लोगों की हत्या करने में मजा आने लगा. वह शौक-शौक में किसी की जान ले लेती थी. कई बार तो वह पौधों के जहर को चेक करते करते किसी की जान ले लेती थी. 64 AD में नीरो की मौत के बाद लॉकस्टा को भी बहुत ही क्रूर तरीके से मार दिया गया.
19वीं सदी में एक नर्स ने उतारा सैकड़ों बच्चों को मौत के घाट
लॉकस्टा तो नीरो के काल का किरदार थी, लेकिन उसी से प्रेरित और उसी की तरह खूंखार एक सीरियल किलर 19वीं सदी में ब्रिटेन में देखने को मिली. इस सीरियल किलर का नाम था एमिलिया डायर. बताया जाता है कि पेशे से नर्स एमिलिया ने 400 से भी ज्यादा बच्चों की हत्या की थी. मार्च 1896 में जब लोगों को थेम्स नदी के किनारे एक बच्चे की लाश मिली. उसका गला टेप से दबाया गया था. शरीर पर चोट के निशान थे. मामले की जांच हुई तो एमिलिया का राज खुला. बाद में उसे फांसी की सजा दी गई. पर उसके सीरियल किलर बनने की कहानी भी दिलचस्प है.
इस तरह बन गई सीरियल किलर
एमिलिया के समय में बिना शादी के मां बनने वाली महिलाओं को समाज गलत नजर से देखता था. ऐसे में जिंदा रहने के लिए ऐसी माएं अपने बच्चों को बेबी फार्मर्स को दे देतीं थीं. बेही फार्मर्स उन औरतों को कहा जाता था जो जो अमीर भी हों और ट्रेंड भी हों ताकि बच्चा संभल जाए. एमिलिया भी बेबी फार्मर थी. वह 10 से 80 पाउंड के बदले बच्चा गोद लेती थी. पर वह पालने की जगह बच्चों को घर लाकर उनको जान से मार देती थी.
मारने का तरीका था अलग-अलग
एमिलिया बच्चे को अलग-अलग तरीके से मारती थी. अगर बच्चा ज्यादा छोटा हो, तो वह उन्हें सीधे न मारकर उनका दूध बंद करके या ठंडे कमरे में जमीन पर लिटाकर मारती थी. बच्चों को मारने की उसे ऐसी आदत लग गई कि उसने डॉक्टरों से मिलीभगत कर ली और जिंदा बच्चे को मुर्दा घोषित करवाकर उन्हें ले आती और फिर उन बच्चों को थेम्स नदी में फेंक देती थी. 30 साल तक वह यह करती रही और उसने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली.
क्या है साइकोपैथी
साइकोपैथी एक तरह का पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होता है. इससे पीड़ित लोगों में दूसरों के लिए प्रेम, संवेदना नहीं होती. ऐसे लोग जब गलत करते हैं तो उन्हें अपनी गलतियों पर किसी तरह का पछतावा भी नहीं होता. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी कहती है कि साइकोपैथ्स का दिमाग अलग तरह से काम करता है.
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