India-China: वीजा के लिए गलत दस्तावेज, टैक्स की चोरी, चीनी कंपनियां भारत में कर रही बड़ी गड़बड़, एजेंसियों का खुलासा
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India-China: वीजा के लिए गलत दस्तावेज, टैक्स की चोरी, चीनी कंपनियां भारत में कर रही बड़ी गड़बड़, एजेंसियों का खुलासा

Chinese Companies in India:  भारतीय खुफिया और वित्तीय जांच एजेंसियों ने भारत में चीनी कंपनियों के कामकाज में कई गड़बड़ियों का पता लगाया है. 

India-China: वीजा के लिए गलत दस्तावेज, टैक्स की चोरी, चीनी कंपनियां भारत में कर रही बड़ी गड़बड़, एजेंसियों का खुलासा

Chinese Companies : राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों (National Security Planners) ने चीनी कंपनियों के संचालन और भारत में चाइनीज प्रॉडक्ट्स के आयात में कई अनियमितताएं पाई हैं. इनमें वीजा के लिए अनुचित दस्तावेज, लोकल टैक्स की चोरी और गृह मंत्रालय (एमएचए) की जांच को दरकिनार करना शामिल है.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खुफिया और वित्तीय जांच एजेंसियों ने यह भी पाया कि 2020 से पहले ई-वीजा योजना का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ. इसके चलते कुछ चीनी नागरिक न केवल अनिवार्य वीजा नवीनीकरण के बिना भारत में रुके, बल्कि इन्होंने अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा भी की.

रिपोर्ट के अनुसार मामले से जुड़े तीन मंत्रालयों के अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की की शर्त पर कहा कि मौजूदा वीजा व्यवस्था का फायदा कुछ चीनी कंपनियां वीजा श्रेणियों की गलत घोषणा करके उठा रही हैं. उदाहरण के लिए, कुछ चीनी कंपनियां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और कमीशनिंग के लिए बिजनेस वीजा के लिए आवेदन कर रही थी, जबकि इस उद्देश्य के लिए सही कैटेगरी रोजगार वीजा है.

'मेक इन इंडिया' लाभों पर चीनी कंपनियों का दावा
अधिकारी चीन से प्रतिवर्ष अरबों डॉलर के फर्नीचर, लाइटनिंग, फिक्सचर और सैनिटरीवेयर के आयात के प्रभाव और स्थानीय उद्योग पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित है. उन्होंने एक पैटर्न को देखा है कि कुछ चीनी कंपनियां भारत में यूनिट स्थापित करने के लिए 'मेक इन इंडिया' लाभों का दावा करती हैं और फिर उन यूनिट्स में 80% तक पार्ट्स को चीन से आयात या सोर्स करती हैं.

अधिकारियों ने कहा कि यह समस्या कुछ ऐसी चीनी कंपनियों में भी है जो लगभग दो दशकों से देश में काम कर रही हैं. अधिकारियों ने कहा कि जब तक उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हो जाती और कार्रवाई शुरू नहीं हो जाती, तब तक इन कंपनियों का नाम उजागर न किया जाए.

चीनी प्रॉडक्ट्स की क्वालिटी एक चिंता की वजह
चीनी उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर भी चिंताएं जताई जा रही हैं. इनमें से कई भारतीय उत्पादों की तुलना में सस्ते हैं लेकिन लो क्वालिटी के हैं. यह मोदी सरकार के दौरान ही था कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने बेंचमार्क निर्धारित करने और मानकों को लागू करने के लिए जून 2020 में गलवान संघर्ष के बाद गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी करना शुरू किया.

चीनी कंपनियों को कितने वीजा जारी किए गए
2018 में चीनी कंपनियों को 47,000 बिजनेस वीजा जारी किए गए, जबकि इसी अवधि के दौरान ई-वीजा की संख्या 150,000 थी. 2019 में चीनी नागरिकों को जारी किए गए व्यावसायिक वीज़ा की संख्या लगभग 19,000 थी, लेकिन ई-वीज़ा की संख्या बढ़कर 200,000 हो गई.

कोविड महामारी के बाद, केंद्र सरकार ने वीज़ा जारी करने पर नकेल कसी, जिसके तहत 2023-24 में चीनी कंपनियों और श्रमिकों को केवल 2,500 व्यावसायिक वीज़ा और 3,000 ई-वीज़ा दिए गए.

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