Aaj Ka Panchang: मोहिनी एकादशी आज, जानें आज का पंचांग

आइये जानते हैं कि आज आपके जीवन पर नक्षत्रों का क्या प्रभाव पड़ने वाला है. आज आपको क्या उपाय करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए.

Written by - Acharya Vikramaditya | Last Updated : May 11, 2022, 11:11 PM IST
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Aaj Ka Panchang: मोहिनी एकादशी आज, जानें आज का पंचांग

Aaj Ka Panchang: आइये जानते हैं कि आज आपके जीवन पर नक्षत्रों का क्या प्रभाव पड़ने वाला है. आज आपको क्या उपाय करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए. आज किस राशि के जातक को शुभ फल प्राप्त होगा और किस राशि के जातक को परेशानी हो सकती है.

आज का पंचांग

बैशाख- शुक्ल पक्ष- एकादशी तिथि- गुरूवार
नक्षत्र- उत्तर फाल्गुनी 
महत्वपूर्ण योग-  हर्षण योग 

शुभ मुहूर्त

आज का शुभ मुहूर्त - 11.57 बजे से 12.49 बजे तक
राहु काल- 02.01 बजे से 03.39 बजे तक

त्योहार

मोहिनी एकादशी

आज गुरूवार और एकादशी का संयोग है. हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. वैसे तो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा के लिए गुरुवार के दिन को सबसे शुभ और उत्तम बताया गया है.

मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की एक साथ पूजा करने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा. आपके परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आएगी. गुरु यानी बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है. ज्योतिष में गुरु को धन, सुखी पारिवारिक जीवन और संतान का कारक भी माना जाता है.

अगर कुंडली में गुरु खराब है, तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता. पुराणों में बताया गया है कि गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान बहुत शुभ होता है. इस दिन केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करने से गुरु मजबूत होता है और आपको आरोग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.

गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हुए ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें. साथ ही किसी भी तरह के दोष को दूर करने के लिए पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें और फिर पीले कपड़े पहनें.

शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु को पीले रंग की चीजें बहुत प्रिय हैं, इसलिए गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को पीले रंग की वस्तुएं जैसे- चने की दाल, फल आदि दान करें.

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए

आज आटे एक एक पिंड अथवा पेड़ा बनायें. उसे एक बटवृक्ष के पत्ते पर रखकर उस पर पांच तरह के तिलक, हल्दी, चंदन, केसर, सिंदूर और रोली से तिलक करें. पिंड के सामने एक घी का दीपक जलायें और अपनी मनोकामना का स्मरण करें.

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