बिना सिंदूर और सात फेरे लिए ऐसे होती है शादी, सफेद जोड़ा माना जाता शुभ

 हिंदू धर्म में शादी का विशेष धर्म होता है. सनातन धर्म में शादी के लिए लाल रंग, सिंदूर और मंगलसूत्र पवित्र माना जाता है. लेकिन बौद्ध धर्म में बिना सिंदूर और सफेद कपड़े में शादी होती है. बौद्ध धर्म में बिना सात फेरे लिए शादी होती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 28, 2023, 05:10 PM IST
  • बिना सिंदूर बौद्ध धर्म में होती है शादी
  • सफेद कपड़े पहन करते हैं शादी
बिना सिंदूर और सात फेरे लिए ऐसे होती है शादी, सफेद जोड़ा माना जाता शुभ

नई दिल्ली:Buddha Dharma Wedding: समाज में शादी का विशेष महत्व होता है. शादी के बाद लड़के और लड़की के रिश्ते को पवित्र माना जाता है. हर धर्म में शादी के बंधन को बेहद पवित्र माना जाता है. अलग-अलग धर्म में शादी के रिति-रिवाज अलग होते हैं. हिंदू धर्म में शादी के लिए लाल रंग, सिंदूर और मंगलसूत्र पवित्र माना जाता है. लेकिन बौद्ध धर्म में बिना सिंदूर और सफेद कपड़े में शादी होती है. आज हम इस लेख में आपको बौद्ध धर्म में शादी के रिति-रिवाज के बारे में बताएंगे. 

बिना सिंदूर के होती है शादी 
ऐसा माना जाता है कि बौद्ध धर्म का जन्म सनातन धर्म से हुआ है. लेकिन इसके बाद भी बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म में शादी के रिति-रिवाज बेहद अलग है. बौद्ध धर्म में शादी के दौरान सिंदूर, मगंलसूत्र का उपयोग किया नहीं किया जाता है. बौद्ध धर्म में शादी के लिए सिंदूर की आवश्यकता नहीं होती है. 

सफेद जोड़े में होती है शादी 
बौद्ध धर्म में दूल्हा-दुल्हन लाल रंग नहीं बल्कि सफेद कलर के कपड़े पहनते हैं. बौद्ध धर्म में सफेद रंग को परिशुद्ध माना जाता है. इसी वजह से दूल्हा-दुल्हन शादी के लिए सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं.  बौद्ध धर्म में शादी के लिए एक टेबल पर गौतम बुद्ध की तस्वीर रख दिया और मोमबत्ती जलाई जाती है. टेबल के सामने जमीन से ऊपर आसन बिछाया जाता है. 

इस आसन पर दूल्हा-दुल्हन एक साथ बैठते हैं इसके बाद बौद्ध गुरू गौतम बुद्ध को साक्षी मानकर पूजा से विवाह संस्कार की शुरुआत करते हैं. दूल्हा-दुल्हन वेदिका के सामने दीप और अगरबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित करते हैं और फिर तीन बार पंचांग प्रणाम करते हैं. 

बौद्ध धर्म में नहीं लिए जाते हैं सात फेरे 
बौद्ध धर्म में शादी के लिए सात फेरे नहीं बल्कि प्रतिज्ञा लेते हैं. दूल्हा-दुल्हन जीवनभर साथ रहने के लिए वादा करते हैं. भगवान गौतम बुद्ध को चढ़ाई हुई माला कपल को आशीर्वाद के रूप में दिया जाता है. इसके बाद कपल बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं. 

सफेद रंग नहीं होता है अशुभ 
हिंदू धर्म में शादी और शुभ काम के लिए सफेद रंग को अशुभ माना जाता है. लेकिन सफेद रंग अशुभ नहीं होता है. बौद्ध धर्म के अलावा ईसानी धर्म में भी शादी के दौरान सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है. बौद्ध धर्म में सफेद रंग को बेहद पवित्र माना जाता है. 

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