नई दिल्ली: Pitru Paksha 2023: 14 अक्टूबर को पितृ पक्ष का समापन होने वाला है. इस दिन अमावस्या है. आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं. इसे विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसी दिन पितरों का श्राद्ध करके पितृ ऋण को उतारा जा सकता है. यदि किसी को अपने पितर की पुण्य तिथि याद नहीं है, तो वो सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) के दिन श्राद्ध कर्म कर सकता है.
श्राद्ध से ये फायदा
शास्त्रों में बताया गया है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी पुण्य तिथि आप भूल गए हैं. इस दिन पूरे मन से और विधि-विधान से पितरों की आत्मा की शांति श्राद्ध किया जाए, घर पर पितरों की कृपा होती है. परिजनों की सेहत अच्छी रहती है. परेशानियां कम हो जाती हैं.
सर्वपितृ अमावस्या तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या इस बार 14 अक्टूबर को है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 13 अक्टूबर को रात 09:50 बजे से शुरू होगी और 14 अक्टूबर को रात 11:24 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार 14 अक्टूबर को ही सर्व पितृ अमावस्या रहेगी. इस दिन श्राद्ध-तर्पण के तीन मुहूर्त हैं. ये सुबह 11:44 बजे से दोपहर 3:35 बजे तक रहेंगे. इस अवधि के दौरान किसी भी समय पूर्वजों के लिए पूजा, तर्पण या दान कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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