मनचाहा वर पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में करें इस देवी की पूजा, करें इस मंत्र का उच्चारण

Gupt Navratri: नवरात्र की षष्ठी तिथि विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष पूजन तथा मनोकामना पूर्ति का दिन होती है. इस दिन मां कात्यायनी की पूरे विधि-विधान से आराधना करने से कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 5, 2022, 07:53 AM IST
  • इन देवी की पूजा से मिलेगा मनचाहा वर
  • गुप्त नवरात्रि में करनी होगी पूजा
मनचाहा वर पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में करें इस देवी की पूजा, करें इस मंत्र का उच्चारण

नई दिल्ली: गुप्त नवरात्रि की षष्ठी तिथि विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष पूजन तथा मनोकामना पूर्ति का दिन होती है. इस दिन मां कात्यायनी की पूरे विधि-विधान से आराधना करने से कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है. उनके विवाह में आ रहीं अड़चनें दूर होती हैं और जल्दी विवाह के योग बनते हैं.

मनचाहे वर के लिए करें इस मंत्र का उच्चारण

मान्यता है कि यदि कोई कन्या षष्ठी पूजन को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से कर ले, तो उसका विवाह एक वर्ष के भीतर ही हो जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण जैसा पति पाने के लिए गोपियों ने भी मां कात्यायनी की पूजा की थी. यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी. इसलिए इन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी जाना जाता है.
जल्द विवाह के लिए मां कात्यायनी के इस मंत्र 'सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते' का उच्चारण करें.

शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय
गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके मां कात्यायनी पूजा करनी चाहिए. माता को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें. इनको शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है. मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे.

भाग्य को प्रबल करने के लिए इस मंत्र का जाप करें
बिना चूने का मीठा पान अर्पित करें, कुछ दक्षिणा चढाएं और 'या देवी सर्वभूतेषु, कात्यायनी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः' का उच्चारण करें.

लाल चंदन की माला से निम्न मंत्र का जाप करें
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते.

मां को इन चीजों के अर्पण से चमकेगा भाग्य
लाल चुनरी या-वस्त्र माता को पहनाएं. रोली, चन्दन, अक्षत, लाल पुष्प या माला माता को अर्पित करें. सिंदूर, और इत्र अर्पित करें. धूप, दीप दिखाएं, फिर हाथ धोकर भोग लगाएं, भोग में कोई भी मिष्ठान या मेवा दे सकते हैं, किन्तु शहद अवश्य अर्पित करें, माता कात्यायनी को शहद अतिप्रिय है. यदि संभव हो, तो अनार या शरीफा फल अर्पित करें.

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