249 साल में मौसी गुंडिचा से मिलने अकेले जाएंगे भगवान जगन्नाथ, जानिए कब-कैसे निकलेगी रथयात्रा

Jagannath Puri Rath Yatra 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुरी रथयात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. इस यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडिचा माता (Gundicha Mata) के मंदिर में जाते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 12, 2021, 08:28 AM IST
  • डिशा में 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा निकलेगी
  • Corona के कारण इस बार भी नहीं शामिल होंगे श्रद्धालु
249 साल में मौसी गुंडिचा से मिलने अकेले जाएंगे भगवान जगन्नाथ, जानिए कब-कैसे निकलेगी रथयात्रा

नई दिल्लीः Jagannath Puri Rath Yatra 2021: Corona की इस दूसरी लहर के बीच त्योहार-पर्व आदि सांकेतिक रूप से ही मनाए जा रहे हैं. पिछले दिनों चार धाम के कपाट खोले गए, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं मिली.

इसके बाद अब सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा का होने वाला है. तारीख के अनुसार इस बार 12 जुलाई 2021 को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर संशय की स्थिति है कि उसका स्वरूप कैसा होगा. 

12 जुलाई को निकलेगी Rath Yatra
जानकारी के मुताबिक, ओडिशा में 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा ( Jagannath Puri Rath Yatra 2021) से एक माह पहले राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि इस साल भी श्रद्धालुओं को उत्सव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी.

यह उत्सव कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच केवल पुरी में आयोजित होगा. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की ओर से दायर सभी दिशा-निर्देशों का इस अवसर पर अनुष्ठानों के दौरान अक्षरश: पालन करना होगा.

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Corona की पाबंदियां रहेंगी लागू
एसआरसी ने कहा कि केवल चयनित कोविड निगेटिव और टीके की दोनों खुराकें ले चुके सेवकों को ही ‘स्नान पूर्णिमा’ और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की अनुमति होगी. जेना ने कहा, “रथ यात्रा (Rath Yatra) के दिन इस पवित्र नगर में कर्फ्यू लगाया जाएगा. पिछले वर्ष के कार्यक्रम के दौरान लगाई गई सभी पाबंदियां इस बार भी लागू रहेंगी.”

अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालु इन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण टेलीविजन और वेबकास्ट पर देख पाएंगे. उन्होंने कहा कि नौ दिन तक चलने वाली रथ यात्रा (Rath Yatra) तय कार्यक्रम के अनुरूप शुरू होगी और “महज 500 सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की अनुमति होगी.”

रथयात्रा का शुभ मुहूर्त व तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुरी यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. इस यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडिचा माता (Gundicha Mata) के मंदिर में जाते हैं. गुंडिचा माता को उन्होंने अपनी मौसी कहा था.

जगन्नाथ रथ यात्रा ( Jagannath Puri Rath Yatra 2021) को केवल भारत में ही नहीं, दुनियाभर में एक प्रसिद्ध त्यौहार के रूप में जाना जाता है. विश्वभर के लाखों श्रद्धालु इस रथ यात्रा के साक्षी बनते हैं. रथ यात्रा से एक दिन पहले श्रद्धालुओं के द्वारा गुंडीचा मंदिर को धुला जाता है. इस परंपरा को गुंडीचा मार्जन कहा जाता है.

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