नई दिल्लीः Jyotish: वैवाहिक जीवन में शांति बेहद जरूरी है, लेकिन कई लोग वैवाहिक जीवन से परेशान रहते हैं. आचार्य विक्रमादित्य बता रहे हैं किन स्थितियों में वैवाहिक संबंध टूटने की नौबत आ जाती है.
हथेली की विवाह रेखा में निकल रहीं दो शाखाएं
ग्वालियर से परिमल देव पूछते हैं कि अगर किसी की हथेली में विवाह रेखा में दो शाखाएं निकल रही हैं तो इसका क्या प्रभाव पड़ता है. इस पर आचार्य बताते हैं कि अगर किसी जातक की हथेली में विवाह रेखा में दो शाखाएं निकल रही है तो जातक के वैवाहिक जीवन में उथल पुथल जैसी स्थिति बनी रहती है. ऐसे के जीवन के वैवाहिक संबंध टूटने की भी नौबत आ जाती है.
दूसरी शादी से भी नहीं मिलती है खुशी
दो मुखी विवाह रेखा से एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के भी संकेत मिलते हैं. जिससे आगे चलकर आपका नुकसान पहंचता है. ऐसे जातक पहली पत्नी से तलाक लेकर दूसरी शादी कर भी लेते हैं तो भी इनके जीवन में शांति नहीं मिलती है. वैवाहिक जीवन में इनके लिए गले की फांस की तरह होती है. इसमें जातक अपने आपको उलझा हुआ महसूस करता है. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के पीछे भी यही कारण है कि ऐसा जातक अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं है और शांति कहीं और तलाशने की कोशिश करता है. परिणामस्वरूप ऐसा जातक न घर का रहता है ना घाट का.
कामों में आती है अड़चन तो करें ये उपाय
उज्जैन से योगेश भारती उनके काम पूरे नहीं हो पाते. काम परिणाम तक पहुचने से पहले ही कोई न कोई अड़चनें उसमें आ जाती है. काम बंद कर देने से मेहनत भी बेकार चली जाती है. आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. क्या करें कि काम सफल हो जाये. आचार्य बताते हैं कि हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त देखकर ही एक निश्चित समय अवधि के अंतर्गत उसका श्रीगणेश किया जाता है. चाहे वह मकान के लिए पहली ईंट रखनी हो. दुकान की ओपनिंग करनी हो. घर में कोई मांगलिक कार्य हो. अर्थात शुभ कार्यों में शुभ मुहूर्तों का बहुत ही महत्व है.
इसलिए आते हैं कोई न कोई विघ्न
आज लोगों के पास समय कम होता है. जिस दिन ऑफिस से, दुकान से या किसी भी काम से जब छुट्टी मिलती है तो उसी दिन लोग शुभ कार्य करना शुरू करना शुरू कर देते हैं. उस कार्य के लिए वह दिन शुभ है या नहीं यह जानने का भी प्रयास नहीं करते. परिणामस्वरूप उस कार्य में कोई न कोई विघ्न शुरू हो जाते है. इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त जरूर देखें. मुहूर्त कुछ समय के लिए ही होता है.
अगर आप उस मुहूर्त के दौरान किसी कार्य की शुरुआत करते हैं तो उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. प्रतिदिन किसी न किसी समय मुहूर्त बनते हैं, लेकिन एक बात याद रखें कि चतुर्थी और चतुर्दशी को कभी भी शुभ कार्य की शुरूआत नहीं करें. नक्षत्रों के अनुसार यह दोनों दिन बड़ा ही अशुभ माना जाता है.
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