Mahalaxmi Vrat 2023: अगले 15 दिन में रंक से राजा बना देंगी मां लक्ष्मी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Mahalaxmi Vrat 2023: महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक होता है. 15 दिनों तक महालक्ष्मी की पूजा और मनुहार की

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 22, 2023, 08:52 AM IST
  • माता लक्ष्मी की मूर्ति गणपति बप्पा के साथ स्थापित करें
  • माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने से घर में आर्थिक लाभ होगा
Mahalaxmi Vrat 2023: अगले 15 दिन में रंक से राजा बना देंगी मां लक्ष्मी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली: आज से महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ हो रहा है. यानी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक महालक्ष्मी का व्रत चलता है. इस साल यह व्रत 22 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा. 15 दिनों तक महालक्ष्मी की पूजा और मनुहार की जाएगी. माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने से घर में आर्थिक लाभ होगा और सुख-समृद्धि भी बढ़ेगी. आइए जानते हैं कि कैसे और किस मुहूर्त में महालक्ष्मी को खुश किया जा सकता है.

कब से हो रहा शुभारंभ
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि का प्रारंभ-आज, शुक्रवार, दोपहर 01:35 से
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि का समापन- कल, शनिवार, दोपहर 12:17 पर

कब हो रहा व्रत का समापन
आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरूआत- 6 अक्टूबर, शुक्रवार, सुबह 06:34 
आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि की समाप्ति- 7 अक्टूबर, शनिवार, सुबह 08:08 

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • आयुष्मान योग- सूर्योदय से लेकर 11:53 Pm तक
  • ज्येष्ठा नक्षत्र- सुबह से दोपहर 03:34 Pm तक
  • सुबह में महालक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 07:40 से 10:43 Am तक
  • दोपहर में महालक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 12:14 से 01:45 Pm तक
  • महालक्ष्मी रात्रि पूजा मुहूर्त- 09:16 से 10:45 Pm तक
  • देर रात्रि पूजा मुहूर्त- 12:14 से 01:43 Am तक

पूजा में ये मंत्र जपें

  1. ओम श्रीं ह्नीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः
  2. लक्ष्मी महा मंत्र: ओम श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा.
  3. बीज मंत्र: ओम श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्ष्मी नम:.

महालक्ष्मी व्रत और पूजा विधि
माता लक्ष्मी की मूर्ति गणपति बप्पा के साथ स्थापित करें. लक्ष्मी को कमल का फूल, माला, कुमकुम, साड़ी, लाल गुलाब, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि चीजें अर्पित करके पूजा करें. फिर गुलाबी या लाल रंग के धागे में 16 गांठें लगा दें. उसकी भी पूजा करें. 15वें दिन लक्ष्मी की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें. आखिरी दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति का विसर्जन कर दें या से पूजा घर में स्थापित करके रोज इसकी पूजा कर सकते हैं.

 (Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ये भी पढ़ें- Vastu Tips: घर में इस तरह से रखेंगे बर्तन, तो कोसों दूर हो जाएगी Negativity

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़