Mole Science: ऐसी महिलाएं हमेशा रहती हैं परेशान, जिनके यहां पर होता है तिल

Mole on Body: अगर किसी महिला जातक के तिल नाभि के आस-पास है, तो वह महिला हमेशा ही किसी न किसी रोग से घिरी रहती है. सेहत कमजोर होने की वजह से हमेशा इलाज में धन खर्च होता रहता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 20, 2022, 07:20 AM IST
  • जानिए कुंडली में कब बनता है सरस्वती योग?
  • दुबले शरीर से निजात पाने के लिए करें ये उपाय
 Mole Science: ऐसी महिलाएं हमेशा रहती हैं परेशान, जिनके यहां पर होता है तिल

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे शरीर में कहां पर तिल हैं या कहां पर बर्थ मार्क है, इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है. कभी यह प्रभाव सकारात्मक होता है या फिर कभी-कभी नकरात्मक. इसके अलावा हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हम कब नया काम शुरू कर रहे हैं. कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि शुभ काम शुरू करते ही कई अड़चनें आना शुरू हो जाती हैं, ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करके आप इस तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं.  

नाभि के पास है तिल, तो बनी रहती है परेशानी

अगर किसी महिला जातक के तिल नाभि के आस-पास है, तो वह महिला हमेशा ही किसी न किसी रोग से घिरी रहती है. सेहत कमजोर होने की वजह से हमेशा इलाज में धन खर्च होता रहता है और कभी भी पैसा टिक नहीं पाता है. ऐसी महिला आलसी भी होती है.

जानिए कुंडली में कब बनता है सरस्वती योग

यदि किसी कुंडली में बृहस्पति, शुक्र और बुध ग्रह का आपस में प्रबल संबंध हो अर्थात एक दूसरे के साथ युति कर रहे हों या कुंडली के केंद्र भावों में स्थित होकर एक दूसरे से संबंधित हों तो सरस्वती योग का निर्माण होता है जो कि एक अत्यंत ही शुभ योग कहलाता है.

कुंडली में बृहस्पति, शुक्र और बुध तीनों ही ग्रह आपस में युति कर रहे हैं और कुंडली के केंद्र भाव अर्थात चतुर्थ भाव में एक साथ विराजमान हैं. इस प्रकार उपरोक्त कुंडली में सरस्वती योग निर्मित हो रहा है.

ऐसे लोग संगीत, कला, लेखन, अभिनय और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत नामचीन होते हैं. समाज में काफी लोकप्रिय होते हैं और इनका अपना एक अलग मुकाम होता है. इनकी गिनती समाज के सफल लोगों में होती है.

दुबले शरीर से निजात पाने के लिए करें ये उपाय

भोजन जब कोशिका तक नहीं पहुंचेगा, तब तक वह शरीर को लाभ नहीं पहुंचाएगा. कोशिका का मुंह बंद हो जाने के कारण आपके द्वारा ग्रहण किया हुआ भोजन शरीर को फायदा नहीं पहुंचाता है. आप नियमित तौर पर प्राण मुद्रा का अभ्यास करें. इसके लगातार अभ्यास से कोशिका का बंद मुंह खुल जायेगा और आप जो खा रहे हैं, वह कोशिका तक पहुंचेगा. प्रतिदिन 15 मिनट प्राण मुद्रा का अभ्यास करें. आपको लाभ मिलेगा.

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