नई दिल्लीः Vastu Tips: नींद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह हमारे स्वास्थ्य, मनोदशा और ऊर्जा स्तर को प्रभावित करती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोते समय हमारे पैरों की दिशा का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. अच्छी नींद का होना और नींद पूरी होना हमारे लिए बहुत आवश्यक है. वास्तु शास्त्र का मानें तो अच्छी नींद के लिए दिशाओं का ज्ञान आवश्यक है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को भूलकर भी सोते समय पूर्व या दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में:
वास्तु के अनुसार सोने की सही दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोते समय पैरों को पश्चिम दिशा में रखना सबसे अच्छा माना जाता है. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. पूर्व दिशा भी सोने के लिए एक अच्छी दिशा मानी जाती है. यह ज्ञान, बुद्धि और सफलता का प्रतीक है. उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है. इस दिशा में सोने से स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में सोना अशुभ माना जाता है. यह मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. उत्तर-पूर्व दिशा को ईश्वर की दिशा माना जाता है. इस दिशा में सोने से ईश्वर की नाराजगी हो सकती है.
सोते समय ध्यान रखने योग्य कुछ अन्य बातें:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर को कमरे के बीच में रखना सबसे अच्छा माना जाता है. इसे खिड़की या दरवाजे के सामने नहीं रखना चाहिए. बिस्तर का आकार आपके शरीर के आकार के अनुसार होना चाहिए. यह बहुत छोटा या बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए. बिस्तर का रंग हल्का और सुखदायक होना चाहिए. गहरे रंगों से बचना चाहिए. तकिया आपके सिर और गर्दन को सहारा देने के लिए होना चाहिए। यह बहुत ऊंचा या बहुत नीचा नहीं होना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)