AAP को एक और झटका, मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, केजरीवाल पर लगाए कई आरोप

बता दें कि राजकुमार आनंद भी शराब नीति मामले में जांच के रडार पर हैं. उनके घर ईडी की छापेमारी हो चुकी है. लेकिन छापेमारी किस सिलसिले में हुई थी, इसके बारे में पता नहीं चल पाया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 10, 2024, 04:57 PM IST
  • पार्टी पर लगाए कई आरोप
  • दिल्ली सरकार में मंत्री हैं राजकुमार
AAP को एक और झटका, मंत्री  राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, केजरीवाल पर लगाए कई आरोप

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली में एक बड़ा झटका लगा है. मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने लोगों से वादा किया था, उस वादे पर कोई काम नहीं किया है. आम आदमी पार्टी असल मुद्दों से भटक चुकी है.

 

पार्टी पर लगाए कई आरोप
उन्होंने आप से इस्तीफा देते हुए बोला, "मैं राजनीति में मंत्री बना, विधायक बना, जो भी बना बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की वजह से बना. दलितों के लिए काम करने से जो पार्टी पीछे हटती है, वहां मेरे लिए रहना ठीक नहीं." बता दें कि राजकुमार आनंद भी शराब नीति मामले में जांच के रडार पर हैं. उनके घर ईडी की छापेमारी हो चुकी है. लेकिन छापेमारी किस सिलसिले में हुई थी, इसके बारे में पता नहीं चल पाया है.

उधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर बार-बार याचिका दायर करने पर बुधवार को नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि एक बार जब उसने इस मुद्दे को निस्तारित कर दिया है और यह कार्यपालिका के क्षेत्र में आता है, तो “बार-बार वाद” दायर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह जेम्स बॉण्ड की फिल्म नहीं है जिसके ‘सीक्वल’ होंगे. 

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अदालत को “राजनीतिक मामले” में शामिल करने की कोशिश के लिए, केजरीवाल को पद से हटाने का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ता पूर्व आप विधायक संदीप कुमार की आलोचना की और कहा कि वह उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाएंगे. अदालत ने टिप्पणी की, “यह जेम्स बॉण्ड फिल्म की तरह नहीं है जहां हम सीक्वल बनाएंगे. उपराज्यपाल इस पर फैसला लेंगे. 

आप हमें राजनीतिक जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, बस इतना ही है.” पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा भी हैं. पीठ ने दोहराया कि वह राजधानी में राज्यपाल शासन नहीं लगा सकती. यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता द्वारा “व्यवस्था का मजाक बनाया जा रहा है”, अदालत ने कहा, “आप पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. 

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