लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार दूसरी बार ऐतिहासिक जीत हासिल की. सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार फिर यूपी की सत्ता संभालेंगे लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए ये चुनाव नजीते किसी झटके से कम नहीं हैं. समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को उत्तरप्रदेश की जनता ने सिरे खारिज कर दिया.
इस बीच सपा के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) ने रामपुर विधानसभा सीट (Rampur Assembly Seat) से बड़ी जीत दर्ज की. वे रामपुर से मौजूदा सांसद भी हैं. ये जीत आजम खान के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है क्योंकि बीते दो सालों से वे जेल में बंद और जमानत के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी रामपुर की स्वार विधानसभा से चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने भी लंबी बढ़त हासिल कर ली है जो उनकी जीत का रास्ता साफ कर चुकी है.
पहले भी 9 बार विधायक रह चुके हैं आजम खान
आजम खान यूपी विधानसभा में 9 बार विधायक रह चुके हैं. ये उनकी 10वीं जीत है. आजम खान ने जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया था और सपा ने उन्हें रामपुर शहर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. रामपुर शहर सीट पर आजम खान का सीधा मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना और कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां से होने था.
पहली बार 1977 में चुनाव लड़े थे आजम
14 अगस्त, 1948 को आजम खान का जन्म यूपी के रामपुर में हुआ था. उन्होंने बीए (ऑनर्स) और एमए (ऑनर्स) की पढ़ाई की. AMU में पढ़ते हुए ही आजम खान ने राजनीति शुरू कर दी. 1977 में आजम खान ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें कांग्रेस के शन्नू खान से शिकस्त मिली. 1980 में आजम खान जनता पार्टी के टिकट पर लड़े और जीते. ये पहली बार था जब आजम खान विधायक बने.
आजम ने 10वीं बार जीता विधानसभा चुनाव
1985 में लोक दल के टिकट पर विधायक बने. 1989 में जनता दल के टिकट पर निर्वाचित हुए और पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बने. इसके बाद 1991, 1993, 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी आजम खान ने विधानसभा चुनाव में जीते. 1996 में उन्हें हार का स्वाद भी चखना पड़ा कांग्रेस के अफरोज अली खान ने आजम खान को हराया. 2022 में 10वीं बार आजम खान विधायक बने.
भाजपा के आकाश सक्सेना की वजह से ही आजम आज जेल की हवा काट रहे हैं. आकाश सक्सेना ने ही आजम खान के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए हैं, जिनके चलते आजम खान की गिरफ्तारी हुई. आजम वर्तमान में सांसद हैं और ऐसे में ये महत्वपूर्ण हो गया है कि विधानसभा चुनाव जीते के बाद इत्तीफा देंगे या नहीं.
स्वार से जीते आजम के बेटे अब्दुल्ला
स्वार विधानसभा सीट पर अब्दुल्ला आजम विधानसभा चुनाव ने दूसरी बार चुनाव जीता. 2017 में भी उन्हें जीत मिली थी लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र के चलते उन्हें सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था. अब्दुल्ला आजम भी पिता के साथ जेल में बंद थे लेकिन उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
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