कोलकाताः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पं. बंगाल के चुनावी दौरे पर हैं. इधर दूसरी ओर Haridwar Mahakumbh 2021 हरिद्वार में लगा हुआ है. श्रद्धा का जो जमावड़ा गुरुवार को हिमालय की तलहटी में लगा है, कुछ ऐसे ही आस्था के रंग यहां से मीलों दूर पं. बंगाल की धरती पर बिखरे हुए हैं. ध्यान से देखिए तो इन दूरियों के बच एक बारीक सा कनेक्शन भी नजर आएगा.
West Bengal: Union Home Minister Amit Shah offers prayers at Bharat Sevashram Sangha at Rash Behari Avenue pic.twitter.com/tYyQkPAIFc
— ANI (@ANI) February 18, 2021
जानिए क्या है कनेक्शन ?
इस कनेक्शन को समझने के लिए नजर से चुनावी चश्मा उतारना होगा और फिर आध्यात्म की आंख से देखिए. दरअसल अमित शाह के Day Plan में शामिल है कि वह गुरुवार को कपिल मुनि के आश्रम जाएंगे और यहां से गंगासागर के भी दर्शन करेंगे. इसके लिए उनकी List में दोपहर सवा 12 बजे का समय दर्ज है.
कपिल मुनि आश्रम ही वह जगह है जो बंगाल को हरिद्वार के महाकुंभ से किसी अदृश्य धागे से जोड़ता है.
आज मुझे उस पवित्र स्थान पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जहाँ युगाचार्य स्वामी प्रणवानंद जी ने एक लंबा समय बिताया। प्रणवानंद जी ने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना उस वक्त की जब देश को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। ये संस्था दशकों तक ऐसे ही माँ भारती की सेवा करती रहे ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/C4i8iiffaN
— Amit Shah (@AmitShah) February 18, 2021
यह है पौराणिक कथा
कपिल मुनि आश्रम का पौराणिक महत्व है. कहते हैं कि यही वह जगह है जो भारत भूमि पर गंगा नदी के बहने और उसे पावन करने की वजह बना. त्रेतायुग में राजा सगर ने जब अश्नमेध यज्ञ किया तो इंद्र देव ने उनके यज्ञ के घोड़े को चुराकर महर्षि कपिल के इसी आश्रम में बांध दिया था.
तब ऋषि तपस्या में थे और इल छल को जान न सके थे. उधर, घोड़ा खोजते हुए महर्षि के आश्रम पहुंचे राजा सगर के 60 हजार पुत्रों ने उन्हें ही चोर मान लिया था. वे ऋषि को भला-बुरा कहने लगे जिससे क्रोधित ऋषि ने उन्हें श्राप देकर भस्म कर दिया.
यह भी पढ़िएः चुनावी माहौल में क्यों प्रासंगिक हैं संत रामकृष्ण परमहंस और चैतन्य महाप्रभु
कुंभ से जुड़ा है कपिल मुनि आश्रम
इस तरह सगर के पुत्र अकाल मृत्यु को प्राप्त होकर भटकने लगे. उनकी आत्माएं मुक्त नहीं हुईं. राजा सगर को देवताओं ने उपाय बताया कि सिर्फ गंगा स्नान से ही उनके पुत्र मुक्त हो सकते हैं. सगर और उनकी अगली पीढ़ी तो ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन फिर राजा भगीरथ अपने अथक प्रयास से गंगा को धरती पर उतार लाए.
गंगोत्री से हरिद्वार और फिर प्रयाग-बिहार होते हुए गंगा बंगाल पहुंची और कपिल मुनि के आश्रम तक पहुंचकर राजा सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान की. कालांतर में गंगा के इसी प्रवाह में चार स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन होता है. अमित शाह इसी मुक्ति क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. हालांकि उनका संकल्प इस वक्त पं. बंगाल को TMC मुक्त बनाना है. इस अभियान को यह यात्रा कितना सफल बनाएगी. यह तो वक्त ही बताएगा.
गंगासागरः कठिन है जहां की यात्रा
कहा जाता है कि सारे तीर्थ बार-बार गंगा सागर एक बार. गंगा सागर वह स्थान है जहां गंगा नदी सागर से मिलती हैं. यहां की यात्रा करना बहुत ही कठिन है. यहां का मौसम अक्सर बिगड़ता रहता है, इसलिए आपदा प्रबंधन के इंतजाम यहां हमेशा रहते हैं. इसीलिए लोग अपने जीवन की सारे इच्छाएं-मनोकामनाएं पूरी करने के बाद गंगा सागर पहुंचते हैं और यह मान लिया जाता है कि गंगा सागर नहा लिया तो तर गए.
अमित शाह आज इसी गंगा सागर के तट पर खड़े हैं. सामने गंगा की लहरे हैं और उनके पीछे सारा पं. बंगाल. जहां TMC का गढ़ है. BJP लोकसभा चुनाव में यहां सेंध लगाने की कोशिश कर चुकी है. पिछले दिनों में सीएम ममता का किला कई जगहों से दरकता दिखा है. सवाल है कि क्या गंगा सागर की यात्रा BJP की बंगाल चुनाव वाली नैया को पार लगा पाएगी? जवाब तारीखें देंगीं.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.