कर्नाटक में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस को दिया समर्थन

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरण लगातार बदल रहे हैं. इस बीच वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है. जो बीजेपी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 7, 2023, 03:52 PM IST
  • कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लगा झटका
  • वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस को दिया समर्थन
कर्नाटक में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, वीरशैव लिंगायत फोरम ने कांग्रेस को दिया समर्थन

नई दिल्ली: लिंगायत संप्रदाय के एक शक्तिशाली समूह वीरशैव लिंगायत फोरम ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करते हुए एक ओपन लेटर जारी किया है. फोरम ने लिंगायत समुदाय के सदस्यों से चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया है. लिंगायत समुदाय भाजपा का एक पारंपरिक वोट बैंक रहा है और 1980 के दशक से पार्टी नेता बी.एस. येदियुरप्पा, जो समुदाय से हैं, ने लिंगायत समर्थन और आधार विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया था.

भाजपा के खिलाफ गुस्से में है यह समुदाय
बीएस येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को अपने गढ़ हुबली से सीट देने से इनकार करने के बाद यह समुदाय भाजपा के खिलाफ गुस्से में है. जगदीश शेट्टर ने खुले तौर पर यह कहते हुए आलोचना की कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव बी.एल. संतोष ने उन्हें टिकट नहीं दिया जो एक संदेश है कि बीजेपी लिंगायत समुदाय के पार्टी पर प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है.

लिंगायत कर्नाटक में 17 प्रतिशत ताकत के साथ एक शक्तिशाली समुदाय है और राज्य में नौ लिंगायत मुख्यमंत्री रहे. कांग्रेस नेता, शमनूर शिवशंकरप्पा और जगदीश शेट्टर ने रविवार सुबह हुबली में लिंगायत समुदाय के लोगों से मुलाकात की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते संगमंथा मंदिर का दौरा किया था, जो लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक बसवेश्वर की पवित्र समाधि है, जिसे बसवन्ना के नाम से भी जाना जाता है.

10 मई को चुनाव के साथ, शक्तिशाली लिंगायत संप्रदाय के एक वर्ग द्वारा दिए गए समर्थन ने कांग्रेस को भारी बढ़ावा दिया है.

कर्नाटक में कितना प्रभावशाली है लिंगायत?
कहा जाता है कि कर्नाटक की आबादी में लगभग 17 प्रतिशत लिंगायत हैं और कुल 224 निर्वाचन क्षेत्रों में से 100 में इनका प्रभुत्व है. इनमें से अधिकांश सीटें उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र की हैं. वोक्कालिगा भी कर्नाटक का एक प्रभावी समुदाय है. एक आकलन के मुताबिक इनकी संख्या कुल आबादी का 15 प्रतिशत है.

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 35 प्रतिशत, अनुसूचित जाति व जनजाति 18 प्रतिशत, मुस्लिम लगभग 12.92 प्रतिशत और ब्राह्मण लगभग तीन प्रतिशत हैं. हालांकि, 2013 और 2018 के बीच की गई एक जाति जनगणना, जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, के अनुसार लिंगायत और वोक्कालिगा की आबादी क्रमशः नौ और आठ प्रतिशत से बहुत कम है.
(इनपुट- आईएएनएस)

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