कौन हैं अजय कपूर, तीन बार के कांग्रेसी विधायक, लोकप्रिय चेहरे, अब थामा बीजेपी का दामन

who is ajay kapoor: अजय कपूर यूपी में 3 बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव का पदभार संभाल रहे थे. खबरें चल रही थीं कि उन्हें कांग्रेस कानपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना सकती है. 

Written by - Arun Tiwari | Last Updated : Mar 13, 2024, 05:15 PM IST
  • दिग्गज कांग्रेसी नेता हैं कपूर.
  • 37 वर्षों से कांग्रेस का हिस्सा थे.
कौन हैं अजय कपूर, तीन बार के कांग्रेसी विधायक, लोकप्रिय चेहरे, अब थामा बीजेपी का दामन

लखनऊ. लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बुधवार को बड़ा झटका लगा है. यूपी के कानपुर जिले के लोकप्रिय कांग्रेसी नेताओं में शुमार किए जाने वाले अजय कपूर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. वो तीन बार विधायक रह चुके हैं. इससे पहले उनके भाई ने भी बीजेपी ज्वाइन की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस अजय कपूर को लोकसभा चुनाव में कानपुर से प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही थी. लेकिन इसके पहले ही कपूर ने पार्टी छोड़ दी है. कपूर के पार्टी छोड़ने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. 

पार्टी ज्वाइन करते वक्त बीजेपी के दिग्गज नेता रहे मौजूद
अजय कपूर के बीजेपी में आने की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि उनकी ज्वाइनिंग के वक्त बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, बीजेपी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी और अन्य कई नेताओं की मौजूदगी थी. तावड़े ने कपूर का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि ये बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी हैं और मैं बिहार बीजेपी का प्रभारी हूं तो उनके (कपूर) आने से पार्टी को निश्चित तौर पर बिहार में भी फायदा मिलेगा.

क्या बोले अजय कपूर?
अनिल बलूनी ने कहा कि अजय कपूर यूपी में 3 बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव का पदभार संभाल रहे थे. वहीं बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता 37 साल से था. इस दौरान उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ कांग्रेस के साथ काम किया. लेकिन अब उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा के साथ देश के हर व्यक्ति को जुड़ना चाहिए. 

पहली बार 2002 में विधायक बने थे अजय
1967 में जन्मे अजय कपूर पहली बार 2002 में कानपुर की गोविंद नगर विधानसभा सीट से विधायक बने थे. यह जीत उन्होंने 53 हजार वोटों से हासिल की थी. इसके बाद 2007 में भी वह इस सीट से दोबारा विधानसभा पहुंचे. 2012 में उन्होंने किदवई नगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजय पताका लहराई थी. लेकिन इसके बाद 2017 में उन्हें बीजेपी प्रत्याशी महेश त्रिवेदी ने चुनाव हरा दिया था. 

समाजवादी पार्टी से भी अच्छे संबंध
पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कपूर ने अपने भाइयों संजय और विजय कपूर के सहारे कानपुर में हर तरफ अपना प्रभाव बढ़ाया. एक वक्त में कांग्रेस रहे श्रीप्रकाश जायसवाल के साथ अजय कपूर की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चर्चे लखनऊ तक होते थे. अजय कपूर के कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी में अच्छे संबंध रहे हैं. 

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