नई दिल्ली: Kanhaiya Kumar VS Manoj Tiwari: कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से JNU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उतारकर सबको चौंका दिया. कन्हैया का मुकाबला यहां पर दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी से है. तिवारी यहां से दूसरी बार सांसद हैं. दिलचस्प बात ये है कि कन्हैया ने पिछला लोकसभा चुनाव बिहार की बेगूसराय सीट से लड़ा था. वहां से हार के बाद इस बार उन्होंने दिल्ली की प्रमुख सीट से कांग्रेस की टिकट क्यों पाई, यह सवाल हर किसी के मन में है.
इस के अंतर्गत 10 विधानसभा सीटें
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से रोहतास नगर, घोंडा और करावल नगर में भाजपा के विधायक हैं. जबकि बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर, गोकलपुर और मुस्तफाबाद सीट पर आप के विधायक हैं. इस लिहाज से आप का पलड़ा भारी है, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में है. हालांकि, विधानसभा का वोटर लोकसभा में ही उसी पैटर्न पर वोट करे, यह जरूरी नहीं है.
मनोज तिवारी के सामने कन्हैया ही क्यों?
1. लोकप्रिय चेहरा: कन्हैया कुमार दिल्ली में एक लोकप्रिय चेहरा हैं. JNU के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई आंदोलन किए. वे मीडिया में भी लोकप्रिय हैं, यहां भी उन्हें अधिक स्पेस मिलता है. कन्हैया की लोकप्रियता दिल्ली में मनोज तिवारी के बराबर ही मानी जा रही है.
2. बिहार से ताल्लुक: जिस सीट से कन्हैया को टिकट मिला है, वह यूपी से सटी हुई है. इस सीट पर पूर्वी यूपी और बिहार के वोटर्स निर्णायक संख्या में हैं. कुल में से इनका प्रतिशत करीब 28 फीसदी है. मनोज तिवारी बिहार से हैं, इसलिए उनके सामने कांग्रेस ने बिहार से जुड़े उम्मीदवार को ही उतारा है.
3. मुस्लिम वोटर्स की आबादी: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट पर 23% मुस्लिम आबादी है. इसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सलीमपुर, बाबरपुर और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट आती है. ये मुस्लिम बहुल इलाके हैं. कन्हैया इंडिया गठबंधन के लिबरल फेस माने जाते हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि कन्हैया कुमार को मुस्लिम का एकमुश्त वोट मिल सकता है.
ये भी पढ़ें- Rahul Gandhi के हेलीकॉप्टर की चुनाव आयोग ने ली तलाशी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.