रिलीज होते ही विवादों में फंसी कंगना रनौत की 'थलाइवी', इन सीन्स को हटाने की उठी मांग

कंगना रनौत के लीड रोल वाली फिल्म 'थलाइवी' शुक्रवार को रिलीज होते ही विवादों में फंस गई है. अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने फिल्म से कुछ सीन्स को हटाने की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2021, 09:13 PM IST
  • कंगना रनौत की फिल्म 'थलाइवी' विवादों में फंसी दिख रही है
  • फिल्म के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताते हुए हटाने की मांग की है
रिलीज होते ही विवादों में फंसी कंगना रनौत की 'थलाइवी', इन सीन्स को हटाने की उठी मांग

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म 'थलाइवी' (Thalaivi) शुक्रवार को रिलीज होते ही विवादों में आ गई है. फिल्म को लेकर तमिलनाडु में विपक्षी अन्नाद्रमुक ने पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की बहुभाषी बायोपिक 'थलाइवी' में पार्टी के दिवंगत नेताओं, एम. जी. रामचंद्रन (एमजीआर) और जयललिता के बारे में कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई है और इन सीन्स को फिल्म से हटाने की मांग की है.

कई सीन्स को हटाने की उठी मांग

अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने यहां एक सिनेमाघर में ए. एल. विजय निर्देशित यह फिल्म देखी. उन्होंने कहा कि फिल्म में एमजीआर और जयललिता के बारे में प्रदर्शित किए गए कुछ सीन्स वास्तविक नहीं हैं और उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन सीन्स को छोड़कर यह फिल्म अच्छी बनी है, जिसके लिए काफी मेहनत की गई है और इसे पार्टी समर्थकों और आम आदमी की अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी.

जयकुमार ने दिए कई गलत सीन्स के उदाहरण

जयकुमार ने कहा कि उदाहरण के तौर पर एक सीन में रामचंद्रन (एमजीआर) को पहली द्रमुक सरकार में मंत्री पद मांगते हुए दिखाया गया है और इससे दिवंगत एम करूणानिधि इनकार करते दिखाए गए हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एमजीआर ने कभी इस तरह का पद नही मांगा. उन्होंने कहा कि एमजीआर उस वक्त द्रमुक में थे, जिसने अपने संस्थापक दिवंगत सी. एन. अन्नादुरई के नेतृत्व में 1967 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर स्वतंत्र भारत में किसी राज्य के शासन की बागडोर संभालने वाला पहला क्षेत्रीय राजनीतिक दल बन गया था.

फिल्म का यह तथ्य भी था गलत

जयकुमार ने कहा कि रामचंद्रन ने द्रमुक से उस वक्त किनारा कर लिया, जब करूणानिधि ने पार्टी की कमान संभाली. रामचंद्रन ने 1972 में अन्नाद्रमुक का गठन किया. द्रमुक प्रमुख ने अन्नादुरई की 1969 में मृत्यु हो जाने के बाद बतौर मुख्यमंत्री उनकी जगह ली थी. उन्होंने कहा कि फिल्म में दिखाया गया है कि रामचंद्रन ने अन्नादुरई की मृत्यु के बाद मंत्री पद की मांग की थी, जब करूणानिधि ने शासन की बागडोर संभाली थी, लेकिन यह सच नहीं है.

उन्होंने दावा किया कि वह एमजीआर ही थे जिन्होंने अन्नादुरई की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए करूणानिधि की दावेदारी का प्रस्ताव किया था. उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होगा कि दृश्य हटा दिया जाए.’’

ये सीन्स भी थे गलत

उन्होंने कहा कि कुछ अन्य सीन्स में एक में यह दावा किया गया है कि जयललिता, एमजीआर की जानकारी के बगैर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के संपर्क में थीं, जिससे यह प्रदर्शित होता है कि वह रामचंद्रन के खिलाफ जा रही थीं. वहीं, एक अन्य दृश्य में यह दिखाया गया है कि रामचंद्रन उन्हें महत्व नहीं दे रहे हैं जो कि सच नहीं है. इसलिए इन दृश्यों को हटा दाना चाहिए.

'फिल्म ने ताजा की पुरानी यादें'

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने 1982 से जयललिता के साथ यात्रा के दिनों को याद किया और फिल्म देखने के बाद उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं. उन्होंने कहा, "यह एक अच्छी बनी फिल्म है और यदि कुछ दृश्यों को हटा दिया जाए तो यह एक बड़ी हिट होगी." बता दें कि फिल्म में अभिनेत्री कंगना रनौत ने जयललिता और अभिनेता अरविंद स्वामी ने एमजीआर की भूमिका निभाई है.

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