नई दिल्ली: मिडल क्लास फैमिलीज में साथ में बैठकर टीवी देखने की प्रथा युगों-युगों की है. ऐसे में कई बार टीवी पर ऐसे गाने भी आ जाते हैं जिन्हें फैमिली के साथ देखना या सुनना बैन है. ये वो गाने हैं जिन्हें इंडियन ऑडिएंस अश्लील मानती है, क्योंकि इसमें हीरोइन की बोल्डनेस को देख सब भौंचक्के रह जाते हैं.
इसी कैटेगरी से मिलते-जुलते ऐसे भी गाने हैं जिन्हें आप देख तो सकते हैं लेकिन म्यूट करके. बचपन में भले ही आपको इनके लिरिक्स में कुछ गलत न दिखाई देता हो लेकिन बड़े होकर शब्दों के बीच में छिपा मीनिंग आप तुरंत भांप लेंगे.
मालगाड़ी तू धक्का लगा
'अंदाज' फिल्म 1994 में आई थी. फिल्म में दो ऐसे गाने थे जिन्हें सुन आपको लगेगा कि ये तो 20 वीं सदी से भी चार कदम आगे हैं. पहला गाना 'दर पे तेरे आशिक खड़ा है'. दूसरा गाना 'ये मालगाड़ी तू धक्का लगा'. इस गाने में एक्ट्रेस जूही चावला क्यों और किसलिए मालगाड़ी में धक्का लगाने के लिए कह रही हैं, सुनने में बिलकुल समझ नहीं आएगा,
लेकिन जैसे ही आप इस गाने में एक्टर और एक्ट्रेसेस को झूमते हुए देखोगे. एक वक्त के लिए आपके लग सकता है कि इस गाने में क्या खराबी है. गाने में सिर्फ उछल-उछल कर डांस ही तो किया जा रहा है. बता दें कि आप वीडियो देखने के बाद खुद ही कह दोगे 'यार कितना गंदा हूं मैं'.
नाम लेती है
1994 में आई फिल्म 'अमानत' का ये गाना अगर आपने नहीं देखा तो क्या देखा. गाने में देखने जैसा कुछ नहीं है पर सुनने के लिए बहुत कुछ है. संजय दत्त फ्लोर पर झूम-झूम कर एक अबला नारी की समस्या को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं. दुनिया को चिल्ला-चिल्ला कर बता रहे हैं कि लड़की सुबह, शाम, रात को उसका नाम लेती है. कवि ने शब्दों को इस तरीके से पिरोया है कि आप अपनी सोच पर ही शर्मिंदा हो जाएंगे.
In the night no control
भारत से अंग्रेज तो चले गए लेकिन हमें अंग्रेजी की सौगात इसीलिए दे गए ताकि हम इस गाने को सुन सके. इस गाने को सुन और समझकर आप लिरिक्स लिखने वालों की जमकर तारीफ करेंगे. 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' 1996 में रिलीज हुई थी. उस दौर में भी रेखा जी बेहद बोल्ड अवतार में नजर आ रही हैं.
रेखा खुद से 12 साल छोटे अक्षय कुमार के साथ रोमांस के नाम पर जमकर डांस करती हैं. इस बात पर कोई दो राय नहीं है कि उनकी ये परफॉर्मेंस मल्लिका शेरावत और इमरान हाशमी को टक्कर दे रही है. जो पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के कुछ भोजपुरी गानों को डबल मीनिंग बोलते हैं. वो रात को इधर-उधर आत्मा की तरह भटक रही रेखा को देख सकते हैं. जो अक्षय कुमार से रिक्वेस्ट कर रही हैं. अब क्या मदद मांग रही हैं इसके लिए तो आपको पूरा गाना सुनना पड़ेगा.
लंबू तंबू में
इंडस्ट्री के लंबू है अमिताभ बच्चन. बिग बी की 1985 में एक फिल्म आई थी 'मर्द' जिसमें मर्दानगी से भरा ये गाना भी था. गाने के बोल हैं 'हम तो तंबू में बंबू लगाए बैठे'. ऐसे में कुछ बुद्धिजीवी कहेंगे कि इसमें क्या गलत है. तंबू तो बिना बंबू के सपोर्ट के सेट नहीं किया जा सकता. तो आपको बता दूं कि ये गाना सुनें और देखें वो भी एक साथ. आप के सामने दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा कि एक्टर कहां बंबू लगाना चाहता है.
अगर आपके माता-पिता हमेशा आपको अपने गुड ओल्ड डेज का वास्ता देते हुए कहते हैं कि अच्छे गाने तो उस दौर में ही बनते थे. तो बिना किसी हिचक के ये गाना सुना दीजिए लेकिन उसके बाद आपके साथ क्या होगा इसके जिम्मेदार आप खुद होंगे.
मैं लाया हूं चूहा
सैफ अली खान अगर आज 1994 में आई फिल्म 'यार गद्दार' का ये गाना सुन लें तो बॉलीवुड से संन्यास ही ले लें. सारा अली खान तो खुद अपने पिता को ही बायकॉट कर दें. आज बॉलीवुड को बायकॉट करने के लिए मुस्तैद सेना अगर उस दौर में होती तो ऐसे गाने लिखने वालों की खटिया जरूर खड़ी कर देती.
गाने के बोल इतने शानदार हैं कि आप लिरिक्स लिखने वाले को ऑस्कर जरूर देंगे. गाने में एक्टर चूहा लेकर आया है, अब आप पूछेंगे कि आखिर उसे ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ी. तो बता दें कि ये तो खुद फिल्म मेकर को भी पता नहीं होगा. अगर आप इस चूहे की दास्तां को जानना चाहते हैं तो कानों में हेडफोन लगाकर सुन डालिए ये गाना.
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