आजादी का 75वां वर्ष: राष्ट्रीय लोक अदालत में टूट गए अब तक के सारे रिकॉर्ड, देखें आंकड़े

आजादी के 75वें वर्ष पर आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए. यूं ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि कुछ भी असंभव नहीं होता है. 1 दिन में 1 करोड़ केसों का निस्तारण और 90 अरब के अवार्ड पारित किए गए हैं. इस रिपोर्ट में देखिए, सारी जानकारी..

Written by - Nizam Kantaliya | Last Updated : Aug 15, 2022, 04:28 PM IST
  • राष्ट्रीय लोक अदालत में टूट गए रिकॉर्ड
  • 1 दिन में 1 करोड़ केसों का निस्तारण
आजादी का 75वां वर्ष: राष्ट्रीय लोक अदालत में टूट गए अब तक के सारे रिकॉर्ड, देखें आंकड़े

नई दिल्ली: देश की न्यायपालिका में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के बाद 13 अगस्त 2022 का दिन भी ऐतिहासिक तौर पर याद रखा जायेगा. क्योंकि देशभर की अदातलों में 1 करोड़ से अधिक मुकदमों को एक ही दिन में निस्तारित किया गया है. एक ही दिन में मुकदमों के निस्तारण की ये एक ऐसी संख्या है, जिसे लेकर कभी कहा जाता था ये असंभव है.

इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं होता!

31 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की प्रथम आल इंडिया मीट के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस ललित ने कहा था कि अगर हम खुद पर यकीन रखते हुए अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हैं, तो इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं होता है.

नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस यू यू ललित के कार्यकाल की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत में देश की न्यायपालिका ने इस असंभव को भी संभव करके दिखा दिया है.

1 दिन में 1 करोड़ से अधिक मुकदमों का निपटारा

शनिवार 13 अगस्त को देश के सभी 35 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस लोक अदालत में 1 ही दिन में 1 करोड़ से अधिक मुकदमों का ना केवल निपटारा किया गया. बल्कि आपसी समझाइश से निपटे इन मुकदमों में सेटलमेंट के तौर पर ही करीब 90 अरब से अधिक राशि के अवार्ड पारित किये गये हैं.

13 अगस्त 2022 को आयोजित तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में ही कुल 77 लाख प्री लिटिगेशन के मुकदमे और 25 लाख पेंडिंग मुकदमों का निपटारा किया गया है. वर्ष 2022 की ये तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत थी, जिसमें लगातार निस्तारित होने वाले मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

2 करोड़ 77 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण

इस वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत में 77.95 लाख, दूसरी लोक अदालत में 95.78 लाख मुकदमे निस्तरित किये गये थे. इस एक वर्ष में अब तीन राष्ट्रीय लोक अदालतों में कुल 2 करोड़ 77 लाख से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया जा चुका है.

जस्टिस ललित के शब्दों में लोक अदालत ने देश में विवादों-मुकदमों का संतोषजनक और समय पर निस्तारण करने के लिए एक पूरक मंच के रूप में न्यायपालिका में इतिहास रचा है.

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नामित हो चुके जस्टिस यू यू ललित के नेतृत्व में संभवतया उनके कार्यकाल की ये अंतिम राष्ट्रीय लोक थी. नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस ललित का कार्यकाल आगामी 26 अगस्त को पूर्ण हो जायेगा. वे 27 अगस्त के देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.

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