नई दिल्ली: अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर 17 जून को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोपी गौहर चिश्ती को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार शाम को मजिस्ट्रेट की अदालत में समक्ष पेश किया गया. मजिस्ट्रेट की अदालत ने उसे सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
हैदराबाद से हुई गौहर चिश्ती की गिरफ्तारी
गौहर चिश्ती को अजमेर पुलिस ने गुरुवार को हैदराबाद (तेलंगाना) से गिरफ्तार किया था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भड़काऊ भाषण मामले में गुरुवार को हैदराबाद से गिरफ्तार गौहर चिश्ती को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया.
उन्होंने बताया कि 'अदालत से जांच के लिये गौहर की 10 दिन की हिरासत पुलिस को देने का अनुरोध किया गया था, लेकिन मजिस्ट्रेट ने 22 जुलाई तक आरोपी को पुलिस हिरासत में रखकर पूछताछ की अनुमति दी. विस्तृत जांच के लिए हिरासत मांगी गई थी. सभी बिंदुओं पर जांच करेंगे.'
भड़काऊ भाषण देने के मामले में प्राथमिकी
उन्होंने बताया कि आरोपी गौहर चिश्ती को शरण देने वाले मुनव्वर को भी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था. शरण देने की विधि अनुसार जो धाराएं हैं, उनके अनुसार उसको जमानत दी गई है, लेकिन उससे पूछताछ जारी रहेगी. अजमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि गौहर चिश्ती के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में 25 जून को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
उसके बाद से वह फरार चल रहा था और 29 जून के बाद से वह राजस्थान के बाहर चला गया था. उन्होंने बताया कि गौहर चिश्ती को गुरुवार को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था और उसे ट्रांजिट रिमांड पर अजमेर लाया गया, जहां शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया.
दरगाह के एक खादिम (मौलवी) गौहर चिश्ती पर आरोप है कि उसने अजमेर शरीफ दरगाह के मुख्य द्वार पर जिसे निजाम गेट कहा जाता है,17 जून को मुस्लिम समुदाय की आयोजित एक रैली से पूर्व भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ पुलिस की मौजूदगी में कथित भड़काऊ भाषण दिया था.
गौहर के साथ मौजूद थे और चार लोग..
इस संबंध में एक प्राथमिकी 25 जून की रात को दर्ज की गई थी. उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की 28 जून को निर्मम हत्या की घटना के बाद अजमेर पुलिस हरकत में आई और गौहर के साथ मौजूद चार लोग फकर जमाली, रियाज और तामिज को 29 जून को गिरफ्तार किया. वहीं चौथे आरोपी को 30 जून को गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कथित तौर पर विवादास्पद नारे लगाये थे और अभद्र भाषा के वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए थे. दरगाह पुलिस थाने के एक कांस्टेबल द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक गौहर ने धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर का उपयोग कर 'गुस्ताखी ए नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा' के नारे लगाकर लोगों को उकसाया.
इन-इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
कांस्टेबल ने तहरीर में बताया कि भीड को हिंसा के लिये उकसाना और हत्या का आह्वान करना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 117 (दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा जनता को अपराध के लिये उकसाना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 34 (कई व्यक्तियों द्वारा सामान्य इरादे से किए गये कार्य) 143 और 149 (गैर कानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया गया.
उल्लेखनीय है कि उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की दो लोगों, रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने माल दास रोड के पास स्थित उसकी दुकान पर 28 जून को निर्मम हत्या कर दी थी. उन्होंने अपराध का मोबाइल फोन से वीडियो भी बनाया था.
दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद उन्होंने एक अन्य वीडियो में हत्या की जिम्मेदारी लेने के साथ विवादित नारे लगाये थे. दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में दो मुख्य आरोपियों सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रही है.
इसे भी पढ़ें- बेखौफ हैं कट्टरपंथी! नुपुर शर्मा की फोटो शेयर करने पर व्यवसायी को जान से मारने की धमकी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.