नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्यवाही एक नए न्यायाधीश को ट्रांसफर करने के खिलाफ दायर की गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय से कोर्ट ने मांगा जवाब
मामले में जांच एजेंसी से जवाब मांगते हुए न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने आगे की सुनवाई 28 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की. इससे पहले जैन के मामले की सुनवाई एक विशेष अदालत में हुई, जहां विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल मामले की सुनवाई कर रही थीं.
अब इस मामले को न्यायाधीश विकास ढुल की विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया. जैन ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
जमानत याचिका पर 14 दिनों में फैसला!
सुनवाई के दौरान, जैन के वकील ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत ने भी कहा था कि उनकी जमानत याचिका पर 14 दिनों में फैसला किया जाए. जैन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने दलील दी कि जिला न्यायाधीश ने उन मुद्दों पर विचार नहीं किया जिन पर विचार किया जाना था. यह एक गलत संदेश है.
तिहाड़ जेल में बंद हैं मंत्री सत्येंद्र जैन
19 सितंबर को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष जमानत की सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले में जैन और अन्य सह-आरोपियों को नोटिस जारी किया. जैन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है.
ईडी के पहले के सबमिशन के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शेल कंपनियों पर जैन का नियंत्रण था, और सह-आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन सिर्फ डमी थे. ईडी ने विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत की दलीलें सुनने के संबंध में कुछ तर्क दिए थे.
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