नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद के मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित किए जाने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर हिंसा के मामले पर संसद के भीतर ‘बयान देने से भाग रहे’ हैं. निलंबन के बाद सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गए. कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भी उनके समर्थन में नारेबाजी की.
संजय सिंह ने लगाए ये आरोप
सांसदों ने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए. संजय सिंह ने कहा, ‘‘देश के प्रधानमंत्री संसद में आकर मणिपुर पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? सेना के जवान की पत्नी के साथ बदसलूकी हुई है. उन्हें जवाब देना चाहिए.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सदन में ‘‘बोलने से भाग रहे’’ हैं.
मणिपुर पर चर्चा की मांग
सिंह ने कहा, आज मैंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया था. पहले मैं कुछ देर तक आग्रह करता रहा कि चर्चा कराई जाए. इसके बाद मैंने आसन के निकट जाकर चर्चा करने का आग्रह किया. इस पर मुझे निलंबित कर दिया गया. उन्होंने कहा, यहां हमारा धरना जारी रहेगा. सभी पार्टियों ने इस आंदोलन में अपना समर्थन दिया है.
संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन में हंगामा और आसन के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि तक के लिए निलंबित कर दिया गया. सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल में सिंह को निलंबित करने की घोषणा की. इससे पहले आसन के समीप आए सिंह के नाम का सभापति ने उल्लेख किया.
उधर, कांग्रेस ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह पर संसद में मणिपुर हिंसा के विषय पर ‘झूठ बोलने और देश को गुमराह करने’ का आरोप लगाया और कहा कि दोनों सदनों में जारी गतिरोध का कारण यह है कि सरकार विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं कर रही है.
मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर के संदर्भ में संसद के भीतर बयान क्यों नहीं दे रहे हैं, उन्हें क्या झिझक है? कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं.
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