Corona के बाद पक्षियों की मौत से दुनियाभर में नए खतरे की दस्तक!

पूरी दुनिया अभी कोरोना (Corona) नाम के वायरस की मार झेल ही रही थी कि पक्षियों की मौत से नये संकट की आहट मिलने लगी है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 5, 2021, 06:07 PM IST
  • नये साल पर दुनियाभर में पक्षियों की मौत
  • क्या पक्षियों की मौत लाएगी एक और तबाही?
Corona के बाद पक्षियों की मौत से दुनियाभर में नए खतरे की दस्तक!

नई दिल्लीः कायदे से अभी New Year 2021 के शुरू हुए एक हफ्ता भी नहीं बीता है कि बुरी खबरों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. दुनिया भर में इंसानों के बीच पनपी गला काट प्रतिस्पर्धा और नफरती मिजाज उनकी जान लेने पर आमादा तो है ही, इसी बीच जीव-जंतु जगत से भी आने वाली मौत की खबरें परेशान कर रही हैं. यह मौतें एक-दो होतीं तो शायद इन पर ध्यान नहीं भी जाता, लेकिन सैकड़ों-हजारों की संख्या में पक्षियों की मौत के क्या संकेत हैं? पूरी दुनिया ही इसे लेकर सकते में है. Corona संकट के बीच भारत के कई प्रदेशों में लगातार पक्षियों की मौत (Birds Death) की खबर आ रही है. इससे लोगों में आशंका बढ़ रही है कि क्या बीते साल 2020 की ही तरह 2021 भी कोई बुरा दौर दिखाएगा?

इटली में नए साल पर सैकड़ों पक्षी मरे

इन घटनाओं की शुरुआत इटली से करते हैं. यहां New Year 2021 का मौका था. 1 January 2021 की पहली रात नए साल के स्वागत में जमकर आतिशबाजी की गई. लोगों ने खूब मजे किए. इसकी अगली सुबह रोम की सड़कों पर जो नजारा दिखा वह दिल दहला देने को काफी था. यहां कदम-कदम मृत पक्षियों के शव पड़े हुए थे. अखबारों की सुर्खियां बनीं इटली की सड़कों पर मृत पक्षियों की बारिश.. इन खबरों के मुताबिक पक्षियों की मौत की जो वजह सामने आई वह और भी हैरतअंगेज थी.

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इस वजह से मरे थे इटली में पक्षी

सामने आया कि नए साल के स्‍वागत में रोम की सड़कों पर जोरदार आतिशबाजी की गई और जमकर पटाखे फोड़े गए. इस जोरदार आतिशबाजी का केंद्र बना रोम शहर का मध्‍यवर्ती हिस्‍सा. इसी आतिशबाजी का शिकार उस समय वहां मौजूद पक्षी हो गए. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आतिशबाजी की वजह से इन पक्षियों को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई.

पक्षियों की मौत की वजह इंसानी हस्तक्षेप रहा, लेकिन इटली में इस वक्त साल 2021 को लेकर भी डर समा गया है. उनका कहना है कि मौत के इस भयानक संकेत के बाद वे केवल इंतजार कर रहे हैं कि दुनिया कितने दिन में किसी भयानक आपदा की जकड़ में आती है.

जब चीन में मारीं गईं थीं गौरेया

इस तरह की नकारात्मक अवधारणा के पीछे की वजह भी ठोस है. दरअसल, 2020 की शुरुआत में जब Corona Virus ने दुनिया को अपने पंजों में जकड़ लिया था, तब इसका जिम्मेदार चमगादड़ों की मौत को माना गया था.  कहा गया कि चीनियों ने चमगादड़ सूप पिया. (हालांकि यह स्पष्ट नहीं है) दुनिया में फैली महामारी को लेकर लोग ऐसा ही मानते हैं. पक्षियों की मौत को लेकर चीन का एक और काला इतिहास है. 1958 में चीन में माओ जेडांग का राज था. जेडांग को इतिहास में सनकी सत्ताधारी माना जाता है. माओ ने आदेश दिया था कि देश की सारी गौरेया मार दी जाए.

...और चीन में ढाई करोड़ लोग भूख से मरे

माओ जेडोंग ने एक अभियान शुरू किया था, जिसे Four Pests Campaign का नाम दिया था. इस अभियान के तहत चार Pests को मारने का फैसला किया गया था. पहला था मच्छर, दूसरा मक्खी, तीसरा चूहा और चौथी थी मासूम गौरैया. चीन के लोगों ने चुन-चुन कर गौरेया की हत्या की. अगले छह महीने से सालभर के भीतर चीन ने इसका भयंकर खामियाजा भुगता. देश में बड़े पैमाने पर भुखमरी फैल गई. इसका नतीजा हुआ चीन में अगले दो  सालों में ढाई करोड़ लोग भूख से मौत के मुंह में चले गए.

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भारत में भी मंडरा रहा खतरा

भारत भी इस तरह नकारात्मक प्रभावों से अछूता नहीं रह गया है. New Year 2021 के मौके पर यहां भी ऐसे ही हालात सामने आए. राजस्थान के नागौर जिले में सैकड़ों राष्ट्रीय पक्षियों की मौत हो गई. इसे लेकर अपशकुन जैसी चर्चाएं चलने लगीं. ठीक एक दिन पहले 50 कौवों की मौत झालावाड़ में सामने आई थी. इस तरह की घटनाओं ने इस नकारात्मक विचार को और बल दिया कि आने वाले दिन जरूर बड़े खतरों में बीतने वाले हैं.

कई प्रदेशों में मर रहे पक्षी

भारत में इस वक्त Bird Flu का खतरा बताया जा रहा है. वजह है हिमाचल में कांगड़ा की पैंगों झील में 1800 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई. इसके अलावा मध्य प्रदेश, बिहार और केरल से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं. मरने वाले पक्षियों में प्रवासी पक्षियों के अलावा मुर्गे, कौवे, कबूतर और मोर शामिल हैं.  बीते साल 2020 में कई शहरों में सैकड़ों चमगादड़ों के मरने की खबरें आई थीं, जिन्होंने लोगों को दहशत में डाल दिया था.

साल 2019: जब सांभर झील में मरे 18000 प्रवासी पक्षी

इन वाकयों के बीच साल 2019 को नहीं भूलना चाहिए, जब राजस्थान की सांभर झील के किनारे 18000 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई थी. यह हादसा नवंबर 2019 में हुआ था. इसके बाद Corona Virus की महामारी से दुनिया के साथ ही भारत भी ग्रसित हुआ. भले ही Corona फैलने की शुरुआत चीन से हुई, लेकिन पक्षियों की मौत को तबाही के संकेतक के तौर पर ही देखा गया था. पक्षियों की होने वाली आकस्मिक मौत को लेकर सनातन परंपरा का शकुन शास्त्र भी चेतावनी देता है कि यह किसी आने वाली बुरी घटना का संकेत है.

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी

भविष्य की बात हो तो नास्त्रेदमस के बिना इसका जिक्र अधूरा है. नास्त्रेदमस एक प्राचीन भविष्य वेत्ता रहे हैं. उनकी भविष्यवाणियां दिलचस्प तो हैं लेकिन स्पष्ट और मान्य नहीं हैं. फिर भी हमेशा से उनका अनुमान लगाने की कोशिश की जाती रही है. नास्त्रेदमस ने 2021 के लिए भी भविष्य वाणियां की हैं. इनके मुताबिक 2021 में भी अकाल, महामारी, भूकंप के खतरों से दुनिया को जूझना होगा. उनकी भविष्य वाणी के मुताबिक फिल्मों में दिखाए गए जॉम्बी इस साल असल साबित हो सकते हैं. इसके अलावा धूमकेतु और बड़े भूकंप के आने की भी बात कही गई है. एक बारगी इन बातों पर भरोसा तो नहीं होता है, लेकिन वर्तमान में पक्षियों की मौत जैसी घटनाओं का घटना कोई अच्छी बात तो नहीं, इनके कुछ तो संकेत और बुरे असर होंगे ही. कहीं पक्षियों की यह मौत क्या फिर से कोई तबाही लाएंगी?

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