नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से राज्यसभा (Rajysabha) में कृषि बिल पेश किया गया और ये बिल राज्यसभा में ध्वनिमत से पास हो गया. विपक्षी सांसदों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि विधेयक का रास्ता खुल गया.
Rajya Sabha passes the Farmers' and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 and Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill, 2020, amid protest by Opposition MPs https://t.co/JqGYfi8k4x
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा में कृषि बिल पास
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच मोदी सरकार ने ध्वनिमत से कृषि बिल पास कराया. इस दौरान सांसदों ने सदन में जबरदस्त उत्पात मचाया, TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रुल बुक फाड़ दी, तो वहीं कुछ सांसदों ने उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की.
वहीं कृषि बिल को लेकर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राहुल गांधी ने इस कानून को बताया काला कानून बताया है. जबकि भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि किसानों का 70 साल का सपना पूरा हुआ .
विपक्षी सांसदों का सदन में उत्पात
आपको बता दें, इस बिल के विरोध में विपक्ष ने ज़ोरदार हंगामा किया था. विपक्षी सांसद ना केवल संसद की वेल में आ गए बल्कि उप सभापति के सामने की माइक खींचने लगे थे. TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद की रूल बुक की कॉपी फाड़ दी. हंगामा इतना जोरदार था कि सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोकनी पड़ी थी.
They have broken every rule of the Parliament. It was a historic day, in the worst sense of the word. They cut RSTV feed so the country couldn't see. They censored RSTV: TMC MP Derek O'Brien after uproar in the House on farm bills https://t.co/VltTgKOx5w
— ANI (@ANI) September 20, 2020
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देशभर में बिल को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. तो वहीं प्रधानमंत्री ने बिल को किसानों के लिए हितकारी बताया. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे बेवजह सियासत चमकाने का जरिया बना लिया. इस बिल के कई फायदे हैं, सबसे बड़ा फायदा कि जो किसानों को झूठी बातों में उलाझकर बिचौलिए कमाई का जरिया बना लेते हैं, उनका धंधा खत्म हो जाएगा.
ये पहलू किसानों के हितों से भरा होगा कि फसल की कीमत ज्यादा होगी. साथ ही आवश्यक वस्तु विधेयक के तहत प्याज, आलू, फल सस्ते होंगे. वहीं APMC एक्ट के तहत इस बिल के पास होने के बाद ये प्रावधान लागू हो जाएगा कि देशभर में फसल की बिक्री होगी, जो किसानों के लिए हितकारी होगा. इसके अलावा ठेके पर खेती बिल से कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा मिलेगा.