राम मंदिर भूमिपूजन से बौखलाये मजहबी कट्टरपंथी, AIMLB ने कही धमकी भरी बात

देश में आज भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का श्री गणेश हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से मन्दिर का भूमिपूजन हुआ. भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर के साथ ऐतिहासिक और महान राष्ट्र मन्दिर की नींव रखी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2020, 04:43 PM IST
    • राम मंदिर भूमिपूजन से बौखलाये मजहबी कट्टरपंथी
    • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दिया विवादित बयान
    • दंगाइयों ने किया धमकी भरा ट्वीट
राम मंदिर भूमिपूजन से बौखलाये मजहबी कट्टरपंथी, AIMLB ने कही धमकी भरी बात

अयोध्या: 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पूजन कर दिया. उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवादित ढांचे और श्री राम मंदिर का फैसला हो पाया है. इस सबके बावजूद देश भे राष्ट्र द्रोही और राम द्रोही मजहबी कट्टरपंथी अपनी नफरत और जुबानी जहर को रोक नहीं पा रहे हैं.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दिया विवादित बयान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है. पूरे देश में आज उत्साह का वातावरण है. सदियों पुरानी गुलामी और दासता से मुक्त होने के बाद आज भारत के स्वाभिमान की जीत हुई है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि हागिया सोफिया मस्जिद का उदाहरण देते हुए कहा बाबरी मस्जिद थी हमेशा रहेगी.

आपको बता दें कि 1500 साल प्राचीन विरासत समेटे यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल हागिया सोफिया म्यूजियम को लेकर बड़ी तब्दीली हुई. पिछले महीने जुलाई में टर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यब एर्दोगन ने इस ऐतिहासिक म्यूजियम को दोबारा मस्जिद में बदलने का आदेश दिया. 

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दंगाइयों ने किया धमकी भरा ट्वीट

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने जिस तरह का ट्वीट किया है उससे लगता है कि वे देश मे पहले की तरह दंगे भड़काना चाहते हैं. बोर्ड के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बेहद बेहूदा और दंगाई ट्वीट किया गया.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि राम मंदिर बनने वाली जगज पर बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी. हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है. अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है. दुखी होने की जरूरत नहीं है. कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है.

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