वायु सेना प्रमुख बोले- हमारे पड़ोस में सुरक्षा संबंधी माहौल आदर्श स्थिति से दूर

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (VR Chaudhari) ने मंगलवार को कहा कि हमारे पड़ोस में सुरक्षा को लेकर माहौल आदर्श स्थिति से काफी दूर है और भारत की आर्थिक प्रगति को स्वदेश विकसित सैन्य क्षमताओं से पूर्णता प्रदान करनी होगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 20, 2022, 06:22 PM IST
  • इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव में बोले वायु सेना प्रमुख
  • सहयोग-साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध है भारत
वायु सेना प्रमुख बोले- हमारे पड़ोस में सुरक्षा संबंधी माहौल आदर्श स्थिति से दूर

नई दिल्लीः वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (VR Chaudhari) ने मंगलवार को कहा कि हमारे पड़ोस में सुरक्षा को लेकर माहौल आदर्श स्थिति से काफी दूर है और भारत की आर्थिक प्रगति को स्वदेश विकसित सैन्य क्षमताओं से पूर्णता प्रदान करनी होगी. 

इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव में बोले वायु सेना प्रमुख
देश के सामने अनेक प्रकार के खतरे होने की बात को रेखांकित करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यहां इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव में कहा, ‘यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का असर पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है. दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर है और कई छोटे देश पहले ही अत्यधिक महंगाई से पैदा हुई राजनीतिक तथा आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं. इस माहौल से भारत अभी अछूता है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त भरपाई की है.’

पड़ोस में सुरक्षा संबंधी माहौल आदर्श स्थिति से दूर
चौधरी ने कहा, ‘हमारे पड़ोस में सुरक्षा परिदृश्य आदर्श स्थिति से बहुत दूर है, इसलिए हमारी आर्थिक प्रगति में स्वदेश विकसित सैन्य क्षमताओं का पूरक होना जरूरी है. त्वरित आर्थिक वृद्धि के कारण देशों को सैन्य प्रौद्योगिकी में तथा उससे जुड़े अनुसंधान एवं विकास में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित किया है.’

सहयोग-साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध है भारत
एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘एक जिम्मेदार महाशक्ति के रूप में भारत टिकाऊपन, समावेश, आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा के उद्देश्यों के साथ सहयोग और साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध है.’ 

चौधरी ने कहा कि आज के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए भारतीय वायु सेना के लिए परंपरागत, अर्द्ध-परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों में उसकी क्षमताओं का विस्तार करना महत्वपूर्ण है. 

'हमारे विरोधियों ने विकसित कीं बहुआयामी क्षमताएं'
उन्होंने कहा, ‘नई प्रौद्योगिकियों, मंचों, शस्त्रों, प्रणालियों और युद्ध के स्वरूपों की अवधारणाएं आकार ले रही हैं, जिनसे मौजूदा साधन कम प्रासंगिक या अनावश्यक नजर आते हैं. हमारे विरोधियों ने विविध क्षेत्रों में बहुआयामी क्षमताएं विकसित की हैं, जिनका किसी तरह का तनाव बढ़ने या ‘ना तो युद्ध और ना ही शांति’ के हालात में हम पर असर हो सकता है.’

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