घर-घर राशन योजना को लेकर केजरीवाल और केंद्र के बीच सियासी घमासान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप हमसे क्यों लड़ रहे हैं. हम सब भारतवासी हैं यदि हम आपस में लड़ेंगे तो फिर कोरोना से कैसे जीतेंगे. हमें आपस में नहीं सबको मिलकर कोरोना से लड़ना है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 6, 2021, 01:29 PM IST
  • मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
  • केजरीवाल बोले तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी है यह योजना
घर-घर राशन योजना को लेकर केजरीवाल और केंद्र के बीच सियासी घमासान

नई दिल्ली: राशन माफिया के तार बहुत ऊपर तक जुड़े हैं. राशन माफिया को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार घर-घर राशन पहुंचाने की स्कीम लागू करना चाहती है. 

दिल्ली में यह योजना अगले हफ्ते से लागू होने वाली थी. यह योजना लागू हो जाती तो राशन माफिया खत्म हो जाता. हालांकि योजना लागू होने से ठीक एक हफ्ते पहले इसे खारिज करवा दिया गया. रविवार को यह वक्तव्य दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया.

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, लोगों को लगने लगा है कि इस मुसीबत के समय में भी केंद्र सरकार सबसे लड़ रही है. केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से लड़ रही है. महाराष्ट्र सरकार से लड़ रही है. लक्ष्यद्वीप में लड़ रही है. दिल्ली सरकार से लड़ रही है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप हमसे क्यों लड़ रहे हैं. हम सब भारतवासी हैं यदि हम आपस में लड़ेंगे तो फिर कोरोना से कैसे जीतेंगे. हमें आपस में नहीं सबको मिलकर कोरोना से लड़ना है.

मुख्यमंत्री ने कहा, गरीबों को उनका राशन नहीं मिलता था. उनका राशन चोरी हो जाता था. तब हमने गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए लड़ाई लड़ी और हम पर 7 बार बार हमले किए गए. पिछले 75 साल से जनता राशन माफिया की शिकार हो रही है. अगले हफ्ते से दिल्ली में घर-घर राशन की स्कीम शुरू होनी थी. यह क्रांतिकारी योजना थी लेकिन केंद्र सरकार ने यह योजना रुकवा दी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी स्कीम यह कहकर खारिज की गई है कि हमनें केंद्र सरकार से इस योजना के लिए मंजूरी नहीं ली. लेकिन यह गलत है एक नहीं 5 बार केंद्र सरकार से इस योजना के लिए मंजूरी मांगी है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कानूनन इस योजना को लागू करने के लिए हमें केंद्र से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन हम कोई विवाद नहीं चाहते, इसलिए हमने एक नहीं पांच पांच बार मंजूरी ली.

दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना रखा था. केंद्र को इस पर आपत्ति थी तो हमने इस योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटा दिया. हमने केंद्र सरकार की सभी शर्तो को मान लिया फिर भी इस स्कीम को नामंजूर कर दिया गया.

केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा है कि यदि देश में पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन, कपड़ों आदि की होम डिलीवरी हो सकती है तो फिर गरीबों को राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए. यह बात सारा देश जानना चाहता है.

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केजरीवाल बोले तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी है यह योजना 

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा कि आपने कहा कि राशन दुकान वालों ने घर-घर राशन की योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में केस दर्ज कर रखा है. हाईकोर्ट ने राशन दुकानदारों की अपील पर अभी तक इस योजना के खिलाफ स्टे नहीं दिया नहीं दिया, फिर भी क्यों केंद्र और उपराज्यपाल ने इस योजना को रोक दिया.

दिल्ली सरकार के मुताबिक कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए हमारी इस योजना के खिलाफ एक भी आपत्ति नहीं दी है. जब कोर्ट में हमारी योजना को लेकर केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है फिर कोर्ट के बाहर इस योजना को क्यों खारिज किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना के माहौल में राशन की दुकान पर राशन लेने नहीं जाते. वहां भीड़ लगने के कारण लोगों को संक्रमित होने का खतरा रहता है. वहीं कई घरों में खाने का राशन नहीं है. हम एक एक घर में राशन पहुंचाना चाहते थे, तो आखिर ऐसे में केंद्र सरकार को क्या आपत्ति है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में यदि उनके अभिभावकों को राशन की लाइनों में लगना पड़ा और संक्रमण बच्चों तक पहुंच जाए तो क्या होगा. 

वहीं कितने ऐसे बुजुर्ग हैं जो राशन की दुकानों पर नहीं जा सकते. कितनी ऐसी गर्भवती महिलाएं हैं जो राशन की दुकानों पर नहीं जा सकती. हम ऐसे लोगों की मदद करना चाहते हैं.

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