Bharat Jodo Yatra: 8 दिनों में पूरी हो जाएगी भारत जोड़ो यात्रा, जानें राहुल गांधी और कांग्रेस को क्या मिला

Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी और कांग्रेस को क्या मिला? क्या कांग्रेस बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर टक्कर देने में सक्षम हुई है? या क्या राहुल गांधी, जिनका मुकाबला गाहे-बगाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया जाता है, उनका कद बढ़ा है? 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 22, 2023, 01:46 PM IST
  • 'कांग्रेस को कुछ फायदा जरूर मिलेगा'
  • 'यात्रा से कुछ मुद्दे दोबारा चर्चा में आए हैं'
Bharat Jodo Yatra: 8 दिनों में पूरी हो जाएगी भारत जोड़ो यात्रा, जानें राहुल गांधी और कांग्रेस को क्या मिला

नई दिल्लीः Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी. यानी तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर 2022 को शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा के आठ दिन बचे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी और कांग्रेस को क्या मिला? क्या कांग्रेस बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर टक्कर देने में सक्षम हुई है? या क्या राहुल गांधी, जिनका मुकाबला गाहे-बगाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया जाता है, उनका कद बढ़ा है? 

राहुल को कांग्रेस नेता बता चुके हैं पीएम मटीरियल
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के कुछ नेता राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार भी बता चुके हैं. यही नहीं शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य बता चुके हैं. ऐसे में लोगों में दिलचस्पी है कि क्या वाकई राहुल गांधी पीएम पद को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी को चुनौती देंगे?

देश में कांग्रेस की कमियां किसी से छिपी नहीं हैं
दरअसल, कांग्रेस में सांगठनिक कमजोरी आई है, यह किसी से छिपा नहीं है. कार्यकर्ताओं में वो ऊर्जा नहीं रही है, कई बड़े चेहरे बीजेपी या अन्य पार्टियों में जा चुके हैं. जो हैं, उनमें से भी कई गुटबाजी में लगे रहते हैं, जिससे कहीं न कहीं कांग्रेस की छवि को ही नुकसान पहुंचता है. 

यात्रा से कांग्रेस में हुआ है ऊर्जा का संचार 
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पार्टी में तमाम आंतरिक समस्याओं के बीच राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली तो कहीं न कहीं कांग्रेस में भी ऊर्जा का संचार हुआ है. विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस को गंभीरता से ले रही हैं. साथ ही जनता के बीच भी यह संदेश गया है कि विपक्ष कुछ तो कर रहा है. जबकि एक समय देश में यह नैरेटिव बन गया था कि विपक्ष है ही नहीं. 

'कांग्रेस को कुछ फायदा जरूर मिलेगा'
सवाल यह है कि क्या इतना काफी है? क्या यह यात्रा राष्ट्रीय राजनीति पर कोई प्रभाव छोड़ पाएगी? इस पर देश के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक और 'सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी' (सीएसडीएस) के लोकनीति कार्यक्रम के सह-निदेशक प्रोफेसर सुहास पलशीकर न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहते हैं, ‘भारत जोड़ो यात्रा से दो चीजें हुई हैं. एक तो यह कि निश्चित तौर पर राहुल गांधी की छवि बदली है. इससे कांग्रेस को कुछ फायदा जरूर मिलेगा.’ 

'राहुल की कुछ तुलना पीएम मोदी से होगी'
वह आगे कहते हैं, ‘कांग्रेस ने पहले भी राहुल गांधी को अपने नेता के रूप में आगे किया है, लेकिन उनकी लोकप्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे फीकी रही. ऐसा नहीं है कि इस यात्रा के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता प्रधानमंत्री मोदी जैसी हो जाएगी, लेकिन कम से कम कुछ तुलना जरूर होगी.’ 

'यात्रा से कुछ मुद्दे दोबारा चर्चा में आए हैं'
बकौल सुहास पलशीकर, ‘इस यात्रा से एक बात जरूर चर्चा में आई है और वह है महंगाई, बेरोजगारी एवं अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दे जो देश को प्रभावित कर रहे हैं. एक फर्क यह भी आएगा कि जो राजनीतिक दल कांग्रेस को अभी तक हल्के में ले रहे थे, वे उसे और गंभीरता से लेंगे.’

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