5G से देश की अर्थव्यवस्था में होगा 450 अरब डॉलर का योगदान, PM मोदी का संदेश

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 'अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 17, 2022, 02:02 PM IST
  • अर्थव्यवस्था पर PM Modi का बड़ा बयान
  • रोजगार निर्माण के अवसर को मिलेगी गति
5G से देश की अर्थव्यवस्था में होगा 450 अरब डॉलर का योगदान, PM मोदी का संदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था (Economy) में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है और इससे देश की प्रगति और रोजगार निर्माण के अवसर को गति मिलेगी.

कनेक्टिविटी से निर्धारित होगी देश की प्रगति की गति

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह (TRAI's silver jubilee celebrations) को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 21वीं सदी के संपर्क यानी कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर एक डाक टिकट भी जारी किया और आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड की भी शुरुआत की.

इस परियोजना से जुड़े शोधार्थियों और संस्थानों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5जी टेस्ट बेड राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. ये दूरसंचार क्षेत्र में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है.’

गांवों में कैसे पहुंचेगा 5जी नेटवर्क?

पीएम मोदी ने कहा कि 5जी के रूप में जो देश का अपना 5जी मानदंड बनाया गया है, वह देश के लिए बहुत गर्व की बात है और यह देश के गांवों में 5जी प्रौद्योगिकी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, ‘21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी देश की शासन में, जीवन की सुगमता में और व्यापार की सुगमता में में सकारात्मक बदलाव लाने वाली हैतथा इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना और हर क्षेत्र में प्रगति को बल मिलेगा.

एक अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘आने वाले डेढ़ दशकों में 5जी से भारत की अर्थव्यवस्था 450 बिलियन डॉलर का योगदान होने वाला है. इससे प्रगति और रोजगार निर्माण को गति बढ़ेगी.’

6जी सेवा शुरू करने पर भी दी जानकारी

प्रधानमंत्री ने कहा कि से जल्द 5जी बाजार में आए, इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत तक 6जी सेवा आरंभ हो पाए, इसके लिए एक कार्य बल काम करना शुरू कर चुका है. मोदी ने 2जी को हताशा और निराशा का पर्याय बताते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि वह कालखंड भ्रष्ट्राचार और नीतिगत पंगुता के लिए जाना जाता था.

उन्होंने कहा, ‘इसके बाद 3जी, 4जी, 5जी और 6जी की तरफ तेजी से हमने कदम बढ़ाए हैं. ये बदलाव बहुत आसानी और पारदर्शिता से हुए और इसमें ट्राई ने बहुत भूमिका निभाई.’

5जी से जुड़ी इस परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईएस बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (एसएएमईईआर) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (सीईडब्लूआईटी) शामिल हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस परियोजना को 220 करोड से अधिक रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह तकनीक भारतीय उद्योगों तथा स्‍टार्टअप के लिए लाभदायक होगी. ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के अंतर्गत की गई थी.

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