नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छिड़े संग्राम को लेकर राजनीतिक बवाल तेज हो गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने NRC पर विवादित बयान दिया तो, बवाल तेज हो गया. भाजपा ने ममता दीदी को खूब खरी-खोटी सुनाई है.
भाजपा ने ममता दीदी को बताया देशद्रोही
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन एक्ट और NRC पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग की है. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनकी किरकिरी करनी शुरू कर दी. नागरिकता कानून और NRC पर जनमत संग्रह की मांग करने वाली ममता बनर्जी को बीजेपी ने देशद्रोही बताया है.
ममता नहीं मानती हैं संविधान
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि ममता बनर्जी ने भारत और देश के संविधान का अपमान किया है. उन्होंने संसद का अपमान किया है. वो संविधान को नहीं मानती और पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं. भाजपा ने ममता को लताड़ लगाते हुए ये भी बोला कि 'इस बयान के लिए उनको देश से माफी मांगनी पड़ेगी. अगर आपको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, भारत की परंपरा में, संस्थाओं में, ज्युडिशियरी में आपको विश्वास नहीं है तो आपको इस्तीफा देना चाहिए.'
साथ ही पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि ममता दीदी पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं.
Anti-CAA protest: Mamata Banerjee speaking Pakistan's language, says Dilip Ghosh
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— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2019
ममता ने क्या कहा था?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन एक्ट और NRC पर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद विवाद बढ़ गया. कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की रैली में ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि 38% लोग देश के 62% नागरिकों के अधिकार नहीं छीन सकते हैं.
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी से इस बयान को वापस लेने की मांग की है. राज्यपाल ट्विट किया है कि मैं सीएम ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि वो अपने कथित बयान को वापस लें, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे संगठन से जनमत संग्रह की मांग की है.
.@MamataOfficial. I am saddened that CM Mamata Bannerjee has taken to totally unacceptable unconstitutional route by her public stance of seeking outside intervention in our internal matters and ignored my appeal. This has immeasurably caused damage to our democratic fabric.
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 20, 2019
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