नई दिल्ली. हर साल देश का आम बजट विभिन्न सेक्टर के लिए उम्मीदें लेकर आता है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. नौकरीपेशा मिडिल क्लास, स्टार्ट अप्स और बैंक, खुदरा व्यापारी और टेक कंपनियां सबकी बजट से उम्मीदें होती हैं. इसी क्रम में माना जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बजट में सरकार कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में बदलाव कर सकती है. ऐसा देश में इन प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है.
'कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी कम करना चाहिए'
एक मीडिया रिपोर्ट में सुपर प्लासट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (SPPL) की वाइस प्रेसिडेंट पल्लवी सिंह ने कहा-बजट 2022-23 से हम उम्मीद और अपील करते हैं कि सरकार को सभी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी कम करना चाहिए. विशेष तौर पर आज के वक्त में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स लोगों की जरूरत बन चुका है. बजट में टेलिविजन पर जीएसटी कम किए जाने की जरूरत है.
'आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी'
SPPL के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह के मुताबिक-हम कोरोना की एक और लहर से गुजर रहे हैं. ये एक इशारा है कि देश के लिए आत्मनिर्भर भारत कितना जरूरी है. देश में मैन्यूफैक्चरिंग और एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि जीएसटी टैक्स स्लैब निश्चित हो. कोई भी प्रोडक्ट 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब से ऊपर नहीं होना चाहिए. मार्केट सेंटिमेंट को बेहतर बनाने के लिए उपभोक्तावाद को उत्साहित करने की जरूरत है. वो कहते हैं-ऐसा करके भारत दुनिया में तीसरा बड़ा टेलिविजन मार्केट बन सकता है. इस क्षेत्र में बाजार का आकार हर 15 फीसदी बढ़ सकता है.
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