नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जारी असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों ने इस संबंध में जानकारी दी.
बघेल और सिंह देव के बीच चल रही तनातनी
इससे पहले शनिवार को टीएस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छोड़कर सियासी हलचल पैदा कर दी थी. राज्य के सियासी हाल पर गौर करें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच लंबे अरसे से तनातनी चल रही है.
सिंह देव लगातार कथित तौर पर पार्टी के वादे को याद करते हुए ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसके चलते बीते दिनों में कई बार कांग्रेस के अंदरखाने होने वाली तकरार भी चर्चाओं में आई है.
सीएम बघेल को पत्र लिख दिया था इस्तीफा
सिंह देव के पास वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्रीय कार्यान्वयन और वाणिज्य कर जैसे विभाग हैं. सिंहदेव ने शनिवार की रात को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से अपने आप को अलग कर लिया था.
बिना सलाह लिए फैसले लेने का लगाया था आरोप
सिंहदेव ने बघेल को लिखे खत में कहा था कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कई फैसले उनसे सलाह किए बिना ही लिए जा रहे हैं, इतना ही नहीं जिन फैसलों में उन्होंने अपनी असहमति जताई उन्हें भी अमलीजामा पहनाया गया.
पार्टी में उपेक्षा महसूस कर रहे सिंह देव
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सिंह देव को लग रहा है कि उनकी लगातार पार्टी में उपेक्षा हो रही है, इसी दौरान महाराष्ट्र में कांग्रेस के हाथ से सत्ता फिसली है और इस समय का बेहतर इस्तेमाल करना चाहते हैं. इतना ही नहीं, आगामी दिनों में विधानसभा का सत्र है, जिसमें सिंहदेव के विभाग छोड़ने पर हंगामा होगा. यही कारण है कि उन्होंने विभाग छोड़ा है न कि मंत्री पद से इस्तीफा दिया है.
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