बच्चों को माता-पिता के साथ दादा-दादी के प्यार और स्नेह का भी अधिकार: बॉम्बे हाई कोर्ट

याचिकाकर्ता पिता की ओर से दायर अवमानना याचिका में अदालत से कहा गया कि बच्चों के दादा को स्वास्थ्य संबंधी समस्याए हुई हैं, और वे अपने पोते पोतियों को देखना चाहते हैं और उनके साथ वक्त बिताना चाहते हैं. लेकिन अप्रार्थिया द्वारा बच्चों को उनसे मिलाने से इंकार कर दिया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 16, 2022, 01:14 PM IST
  • एक पिता की ओर से बच्चे की कस्टडी के लिए याचिका दायर है
  • इस केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महत्वपूर्ण ​आदेश दिया है
बच्चों को माता-पिता के साथ दादा-दादी के प्यार और स्नेह का भी अधिकार: बॉम्बे हाई कोर्ट

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चों को अपने माता पिता के साथ ही दादा-दादी के प्यार और स्नेह पाने का भी अधिकार है. यह बच्चों के व्यक्तिगत विकास और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. हाईकोर्ट ने कहा कि एक पिता, गैर-संरक्षक माता-पिता को अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने और आनंद लेने के अधिकार से भी वंचित नहीं किया जा सकता है. एक पिता की ओर से बच्चे की कस्टडी के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण ​आदेश दिया है.

याचिका में लगाई गई गुहार
याचिकाकर्ता पिता की ओर से दायर अवमानना याचिका में अदालत से कहा गया कि बच्चों के दादा को स्वास्थ्य संबंधी समस्याए हुई हैं, और वे अपने पोते पोतियों को देखना चाहते हैं और उनके साथ वक्त बिताना चाहते हैं. लेकिन अप्रार्थिया द्वारा बच्चों को उनसे मिलाने से इंकार कर दिया गया है.

2018 से अलग रह रहे हैं पूर्व पति और पत्नी
याचिकाकर्ता पिता और अप्रार्थिया दोनों 2018 में अलग रह रहे हैं. अलग होने के बाद उनके जुड़वां बेटों की कस्टडी का आदान-प्रदान करने की व्यवस्था थी, जो जून 2020 तक जारी रही. लेकिन उसके बाद अप्रार्थिया मां ने अपने बच्चो से पिता से मिलाने से इंकार कर दिया. पति द्वारा बच्चों के जन्मदिन पर मुलाकात के लिए याचिका दायर कि गयी जिस पर अदालत ने पिछले माह पिता को बच्चों से मिलने की अनुमति दी थी.

अदालत में सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश की पालना नहीं करने की जानकारी दी गयी. 10 मार्च 2022 को अदालत ने पिता को बच्चों से मिलने की अनुमति दी थी. जिसमें अदालत ने अप्रार्थिया मां को आदेश दिया था कि वो बच्चों के पिता के उनके जन्मदिन पर बच्चों से मिलने दे. अदालत के इस आदेश की पालना नहीं करने पर पिता की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई.

अदालत ने क्या दिया आदेश
अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने अप्रार्थिया मां को आदेश दिये हैं वो बच्चों कस्टडी 14 अप्रेल से 17 अप्रैल तक पिता को सौंप दे. आदेश में कहा गया कि 14 अप्रैल की सुबह 11 अप्रार्थिया मां बच्चो को पुणे के मॉल लेकर आए. जहां पर दोपहर 3 बजे तक माता पिता बच्चों के साथ समय बिताएं और दोपहर 3 बजे अप्रार्थिया मां बच्चों की कस्टडी पिता को सुपूर्द कर दे.

इसके साथ ही अदालत ने आदेश दिये है याचिकाकर्ता पिता 17 अप्रैल की सुबह 11 बजे बच्चों को लेकर फिर से पुणे के उसी मॉल पर लेकर पहुंचे. सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक माता पिता बच्चों के साथ समय बिताएं और दोपहर 3 बजे पिता बच्चों की कस्टडी अप्रार्थिया के सुपूर्द कर दें. अदालत ने कहा कि बच्चे 17 अप्रैल तक अपने पिता की कस्टडी में होंगे, जो उन्हें 17 अप्रैल की सुबह मॉल वापस लाएंगे और दोपहर में उनकी कस्टडी उनकी पत्नी को सौंप देंगे.

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