नई दिल्ली: भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ में स्थिति का जायजा ले रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद करेगी.
जोशीमठ के लोगों को बचाने के लिए क्या कर रही है सरकार?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस आपदा पर कहा कि 'जोशीमठ के लोग परेशान हैं, ऐसे समय में उनके साथ रहना जरूरी है. हमारे प्रधानमंत्री जी लगातार जोशीमठ के लोगों की चिंता कर रहे हैं और उनकी जानकारी ले रहे हैं. एनडीएमए और एनडीआरएफ की टीम यहां काम कर रही है. हम पूरी तरह से संकल्पवत होकर जोशीमठ को और लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं.'
उन्होंने ये अपील की कि 'सबको एक टीम के रूप में काम करना है. लोगों के पुनर्वास के लिए जो बेहतर विकल्प हैं, उस दिशा में काम हो रहा है. उत्तराखंड में हर वर्ष आपदा आती है, जिससे हमें जूझना पड़ता है. जोशीमठ की आपदा के लिए हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि सबकुछ जल्द सामान्य हो जाए.'
जोशीमठ आपदा के लिए राहत पैकेज पर क्या बोले सीएम धामी?
सीएम धामी ने बताया कि केंद्र सरकार से जोशीमठ आपदा के लिए राहत पैकेज की मांग की गई है, इसके लिए पहले सभी टीमें आंकलन कर रही हैं. प्रधानमंत्री जी ने हर तरह से मदद का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि मैं खुद जोशीमठ आया हूं और सभी को आश्वस्त कर रहा हूं कि हम सभी के पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे. जो बेहतर हो सकता है, वो सभी कदम उठाए जाएंगे.
धामी ने राहत शिविरों का किया दौरा, व्यवस्थाओं का लिया जायजा
बुधवार दोपहर बाद जोशीमठ पहुंचे धामी ने देर रात तक राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की, साथ ही व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया. जोशीमठ में प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना से दिन की शुरुआत करने के बाद धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार प्रभावितों के साथ है और सभी अधिकारियों को लोगों को हर संभव मदद देने के आदेश दिए गए हैं.
आज नरसिंह मंदिर, जोशीमठ में पूजा-अर्चना करने के पश्चात गौ माता का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया व इन प्रतिकूल परिस्थितियों में आध्यात्मिक व धार्मिक स्थली जोशीमठ की सुरक्षा की कामना की। pic.twitter.com/32aAi20yQa
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 12, 2023
चमोली, कर्णप्रयाग सहित अन्य स्थानों में भी भवनों में दरारें आने के संबंध में पूछे जाने पर धामी ने कहा 'उन सभी पर पहले से काम किया जा रहा है.' जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के तौर पर चिह्नित किया गया है जिनमें से अब तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में भेजा गया है.
खतरनाक भवनों को हटाने के ली जा रही है मदद
इस बीच, जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए अंतरिम पैकेज के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित करने को लेकर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है. खुराना ने बताया कि जोशीमठ में खतरनाक भवनों को हटाने के लिए रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की मदद ली जा रही है और उनके चिह्नीकरण और तकनीकी मार्गदर्शन में यह कार्य हो रहा है.
उन्होंने कहा कि खतरनाक भवनों का ध्वस्तीकरण लोगों को विश्वास में लेकर ही किया जाएगा और इसके लिए प्रभावित परिवारों के साथ बातचीत की जा रही है. जोशीमठ में दो होटल-सात मंजिला 'मलारी इन' और पांच मंजिला 'माउंट व्यू' दरारें आने के कारण एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं.
होटलों को यांत्रिक तरीके से ढहाने का निर्णय किया गया है. हांलांकि, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने के लिए धरना प्रदर्शन के चलते यह कार्रवाई अभी शुरू नहीं हो पायी है.
(इनपुट: भाषा)
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