हैदराबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना की. आदित्यनाथ मंदिर में करीब 20 मिनट रुके और उन्होंने विशेष पूजा अर्चना की. उनके साथ भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बी संजय कुमार, राज्यसभा सदस्य के. लक्ष्मण और विधायक राजा सिंह मौजूद थे. आपको बता दें कि इस भाग्यलक्ष्मी मंदिर की अयोध्या के राम मंदिर जैसी कहानी है. इस मंदिर का पास में स्थित चारमीनार को लेकर भूमि विवाद है.
विधायक राजा सिंह ने से कहा, ‘‘योगी जब जीएचएमसी (2020) चुनाव में भाजपा के प्रचार के लिए आए थे तब भी उनका मंदिर जाने का कार्यक्रम था लेकिन वक्त की कमी के कारण वह तब मंदिर नहीं जा पाए थे. उन्होंने हमसे कहा था कि वह अगली बार जब भी हैदराबाद आएंगे तब पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर जाएंगे. इसी क्रम में वह आज आए और उन्होंने मंदिर में प्रार्थना की और आरती में भी शामिल हुए.’’
योगी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए यहां आए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं. गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव के लिए प्रचार शरू करने से पहले भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना की थी.
क्या है भाग्यलक्ष्मी मंदिर और चारमीनार विवाद
मां लक्ष्मी का यह मंदिर भाग्यलक्ष्मी मंदिर चारमीनार के दक्षिण-पूर्वी मीनार से सटा है. मंदिर का अस्थाई ढांचा बांस-तिरपाल और टिन से निर्मित है, जिसकी पिछली दीवार चारमीनार की ही एक दीवार है. चारमीनार को निर्माण 1591 में शुरू हुआ था. लेकिन, हिंदुओं का दावा है कि चारमीनार से पहले भी वहां भाग्यलक्ष्मी मंदिर मौजूद था. भाजपा अगर इस मुद्दे को आगे बढ़ाती है तो जाहिर तौर पर दक्षिण की सियासत में उसकी पकड़ मजबूत होगी.
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