लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस (Congress) के कुछ दिग्गजों ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के नेतृत्व पर सवाल उठाया है. उनमें से कुछ को निष्कासित कर दिया गया है. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) के उस सुझाव पर प्रतिक्रिया दी कि प्रियंका को अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा होना चाहिए.
'कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देती कांग्रेस'
कांग्रेस के पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा, 'कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देती. मैंने पार्टी के लिए बिना रुके काम किया, लेकिन नवंबर 2019 में मुझे बिना किसी उचित कारण के निष्कासित कर दिया गया. हम जमीन पर लोगों से मिलते हैं और रिपोर्ट लेते हैं. पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं देती और उनका उनसे कोई संबंध नहीं है.'
...तो पार्टी का 2019 की तरह होगा हश्र
उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव, जो 2019 में अमेठी में अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव अभियान का चेहरा थीं. कांग्रेस को जीत तक नहीं दिला सकीं, क्योंकि उनका पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं से कोई संपर्क ही नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस में 2019 की तरह ही चीजें जारी रहीं, तो पार्टी का भी वही हश्र होगा.
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'चुनिंदा लोगों से मिलती हैं प्रियंका'
कांग्रेस के पूर्व एमएलसी सिराज मेहंदी, जिन्हें नवंबर 2019 में नौ अन्य लोगों के साथ निष्कासित कर दिया गया था, उन्होंने कहा, कांग्रेस नेतृत्व 'अभिमानी' हो गया है. यह पार्टी नेताओं की राय को महत्व नहीं देता है. कांग्रेस नेतृत्व एक अहंकारी रुख बनाए हुए है. यह एक दुखद मामला है कि प्रियंका गांधी दो दिनों के लिए यूपी आती हैं. जैसे वह पिकनिक पर आ रही हैं. वह केवल कुछ चुनिंदा लोगों से मिलती हैं, न कि वास्तविक पार्टी कार्यकर्ताओं से. जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, वह एक दिन में कम से कम एक हजार लोगों से मिलते थे.
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